उच्च न्यायालय ने वीरभद्र के बच्चों को अंतरिम राहत देने से किया इनकार

नयीदिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दो बच्चों को कोई अंतरिम राहत देने से आज इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री के बच्चों ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में उनकी कुछ संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क किए जाने को चुनौती दी थी. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 6:21 PM

नयीदिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दो बच्चों को कोई अंतरिम राहत देने से आज इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री के बच्चों ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में उनकी कुछ संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क किए जाने को चुनौती दी थी.

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ की पीठ ने कहा, ‘‘हम उन्हें (प्रवर्तन निदेशालय, वित्त मंत्रालय) को जवाब दायर करने का अवसर देंगे और तब हम देखेंगे कि क्या आपको राहत दिए जाने की जरूरत है? अभी हमें कोई अंतरिम आदेश जारी करने की कोई तात्कालिकता नजर नहीं आती.’ इसी बीच, पीठ ने वीरभद्र की बेटी अपराजिता कुमारी और बेटे विक्रमादित्य सिंह की ओर से दायर याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्र को नोटिस जारी कर दिए. वीरभद्र के बच्चों ने प्रवर्तन निदेशालय के 23 मार्च के अस्थायी कुर्की के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उसने ‘‘अपने अधिकारक्षेत्र को लांघा’ है.

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखने के लिए आए वरिष्ठ वकील अमित सिब्बल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह इस मामले में आगे की कार्यवाहियों पर रोक लगा दे. लेकिन पीठ ने कहा कि वह केंद्र की ओर से दायर जवाब को देखेगी और फिर मामले की सुनवाई करेगी.

पीठ की ओर से मामले को 18 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिए जाने पर सिब्बल ने कहा, ‘‘18 अप्रैल से पहले मुझे राहत दी जानी चाहिए. प्रवर्तन निदेशालय 23 मार्च के अस्थायी कुर्की आदेश से 30 दिन की अवधि के भीतर कार्यवाही आगे बढ़ा सकता है.’ इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आप संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रहे हैं. उन्हें (प्रवर्तन निदेशालय और केंद्र ) को उनके जवाब दायर करने के लिए अवसर दिया जाएगा.’

अदालत ने वीरभद्र से जांच में शामिल होने को कहा, सीबीआइ को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से आज कहा कि वह मामले की जांच में शामिल हों. अदालत ने साथ ही सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह उन्हें गिरफ्तार नहीं करे.

न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने यह तब कहा कि जब सिंह ने अदालत को बताया कि वह जांच में शामिल होने और एजेंसी से सहयोग करने को तैयार हैं.

अदालत ने कहा, ‘‘वे (सिंह के वकील) कह रहे हैं कि वे जांच में शामिल होने को तैयार हैं. यह केवल जांच में शामिल होने को लेकर है. वे शामिल होंगे.आप (सीबीआइ) उन्हें गिरफ्तार नहीं करेंगे.’ अदालत ने यह बात सीबीआइ की उस अर्जी का निपटारा करते हुए कही, जिसमें उसने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक अंतरिम आदेश को हटाने की मांग की थी. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अक्तूबर 2015 के अपने अंतरिम आदेश में मामले में सिंह को गिरफ्तार करने, पूछताछ करने या आरोपपत्र दायर करने पर रोक लगायी थी.

सिंह के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से अदालत ने कहा कि वह अपने मुवक्किल का निजी मोबाइल नंबर एजेंसी को मुहैया कराये. अदालत ने यह भी कहा कि जब भी जांच अधिकारी बुलाए, सिंह को जांच में शामिल होना पड़ेगा.

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