केंद्र करायेगा जासूसी में मोदी की भूमिका की जांच

नयी दिल्लीः भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के कथित इशारे पर गुजरात में एक महिला की जासूसी के मामले की पड़ताल के लिए केंद्र ने जांच आयोग गठित करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2013 6:03 AM

नयी दिल्लीः भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के कथित इशारे पर गुजरात में एक महिला की जासूसी के मामले की पड़ताल के लिए केंद्र ने जांच आयोग गठित करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर इस पर मुहर लगायी गयी. यह फैसला जांच आयोग कानून की धारा 3 के तहत किया गया, जो केंद्र को किसी आयोग के गठन का अधिकार देता है. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज इस आयोग के अध्यक्ष होंगे. कैबिनेट ने जांच आयोग अधिनियम के तहत इस जांच आयोग को मंजूरी दी है.

जांच पूरी करने के लिए आयोग को तीन महीने तक का वक्त दिया गया है. इससे पहले राज्य सरकार भी इस मामले में जांच आयोग बना चुकी है. भाजपा ने केंद्र सरकार के इस फैसले का जोरदार विरोध किया है. भाजपा ने संकेत दिया है कि वह केंद्र के इस फैसले को अदालत में चुनौती देगी. मुख्य विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार के फैसले को संविधान का उल्लंघन करार दिया है क्योंकि उसके मुताबिक यह मामला राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है.

उधर, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. कानून की धारा 3 के तहत केंद्र एक ही मामले में तब तक अन्य आयोग का गठन नहीं कर सकता है जब तक राज्य सरकार द्वारा उसी मुद्दे में गठित आयोग काम कर रहा हो और ‘जब तक केंद्र सरकार की राय यह न हो कि जांच का दायरा दो या अधिक राज्यों तक बढ़ सकता है.’ महिला आर्किटेक्ट की गुजरात पुलिस द्वारा कथित रूप से अवैध निगरानी और फोन टैपिंग नियमों का उल्लंघन था क्योंकि जब महिला राज्य से बाहर गयी तो कथित रूप से उसकी जासूसी केंद्र की अनिवार्य मंजूरी के बिना की गयी.

क्या है मामला

कोबरापोस्ट और गुलेल डॉट कॉम ने हाल ही में ऐसे ऑडियो टेप जारी किये थे जिसमें तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अमित शाह किसी ‘साहेब’ के कहने पर पुलिस अफसरों को बेंगलुरु की महिला आर्किटेक्ट की जासूसी करने के आदेश दे रहे हैं. वेबसाइट का दावा है कि महिला की जासूसी न सिर्फगुजरात बल्किकर्नाटक और महाराष्ट्र में भी करायी गयी. कहा जा रहा है कि ऑडियो टेप में जिस साहेब का जिक्र किया जा रह है वह कोई और नहीं बल्किनरेंद्र मोदी हैं. वेब पोर्टल ने दावा किया कि यह कदम भारतीय टेलीग्राफ नियम 419ए और गुजरात सरकार की खुद की अधिसूचना (29 मार्च 1997) का उल्लंघन करता है जो स्पष्ट तौर पर कहता है कि फोन टैपिंग तभी हो सकती है जब केंद्रीय गृह सचिव या राज्य के गृह सचिव की लिखित मंजूरी हो.

बदले की भावना नहीं

उधर, राजनीतिक बदले की भावना से कार्य करने के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने कहा कि जांच आयोग उन मामलों की जांच करेगा, जिनमें कई राज्य शामिल हैं. इनमें गुजरात में एक महिला की कथित जासूसी और भाजपा नेता अरुण जेटली के काल डाटा रिकार्ड लीक होने के मामले शामिल हैं. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, कोई बदले की भावना नहीं है. कोई राजनीति नहीं है.

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