दुनिया के 75 फीसदी बाघ भारत में मौजूद, प्रोजेक्ट टाइगर से मिल रहा संरक्षण, बढ़ रही है संख्या
World Tiger Day: बाघ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र व संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि, बड़ी बात यह है कि एक तरफ जहां दुनिया के कई देशों में बाघों की संख्या में गिरावट हो रही है. वहीं, भारत में इसकी संख्या में जबर्दस्त वृद्धि हो रही है.
World Tiger Day: 29 जुलाई… इंटरनेशनल टाइगर डे भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जाता है. भारत में बाघों की बात करें तो अब देश में बाघों की संख्या अच्छी हो गई है. कभी विलुप्ती के कगार पर पहुंचा टाइगर की आज खासी तादाद है. एक आंकड़े के मुताबित दुनिया के 75 फीसदी बाघ भारत में हैं. गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों में बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है, लेकिन भारत में बाघों की संख्या में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर के कारण न सिर्फ बाघों को संरक्षण मिल रही है. बल्कि देश में अब इनकी अच्छी तादाद भी हो गई है. वर्ष 2022 की गणना के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 3,167 है. इससे पहले 2018 में यह संख्या 2967 थी. आज के इस खास मौके पर सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी में 15 फुट लंबा बाघ बनाकर इनके संरक्षण का संदेश दिया है.
#WATCH | Odisha: Sand artist Sudarsan Pattnaik created a 15-foot tall tiger on the occasion of World Tiger Day, in Puri. (28.07) pic.twitter.com/XJDCR2Iaf9
— ANI (@ANI) July 29, 2023
बेहद जरूरी है बाघों का संरक्षण
गौरतलब है कि वन्यजीव स्थलों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप, वन्यजीवों के सिकुड़ते ठिकानों के साथ-साथ कई वनक्षेत्र की खराब होती गुणवत्ता के बीच बाघों का संरक्षण बेहद अहम हो गया है. बता दें, बाघ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र व संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि, बड़ी बात यह है कि एक तरफ जहां दुनिया के कई देशों में बाघों की संख्या में गिरावट हो रही है. वहीं, भारत में इसकी संख्या में जबर्दस्त वृद्धि हो रही है. दुनियाभर में जितने बाघ हैं, उनमें से 75 फीसदी भारत में हैं. गौरतलब है कि बाघों की संख्या का आंकड़ा हर हर चाल साल के अंतराल पर जारी किया जाता है. 50 साल पहले 1973 में शुरू हुए प्रोजेक्ट टाइगर के कारण इस संख्या को बढ़ाने में काफी मदद मिली है. जिस समय यह परियोजना शुरू हुई, उस वक्त बाघों की संख्या महज 268 थी. पिछले 50 सालों में इस योजना का विस्तार हुआ है. वन्यजीव संरक्षणवादी प्रेरणा बिंद्राका कहना है कि हमारे जनसंख्या घनत्व व अन्य दबावों के बावजूद, बाघों के संरक्षण की यह उपलब्धि आसान नहीं है.
ऐसे हुई बाघ दिवस मनाने की शुरुआत
2010 में रूस के शहर सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की आबादी वाले देशों भारत, भूटान, नेपाल, थाइलैंड, चीन, बांग्लादेश समेत 13 देशों ने बाघ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया. इन देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिए संरक्षण को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया था.
बाघ श्रेष्ठ शिकारी के रूप में हमारे पर्यावरण को रखते हैं स्वस्थ-विशेषज्ञ
बाघ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र व संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. श्रेष्ठ शिकारी के रूप में बाघ पर्यावरण को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि पारिस्थितिकी तंत्र में यदि बाघ ना हो, तो घास खाने वाले जंतुओं की संख्या इस कदर बढ़ सकती है, जिससे इंसानों के लिए भोजन व जल का संकट पैदा हो सकता है. ऐसे में बाघों का संरक्षण हम सभी का दायित्व है. पिछले चार दशकों में विभिन्न देशों की सरकारों ने इस ओर कदम बढ़ाये हैं. उसी का परिणाम है कि भारत समेत एशिया के 12 देशों में इनकी संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी है. अमूमन एक वयस्क बाघ 12 फीट लंबा व 300 किलोग्राम तक वजनी होता है. इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है. भारत ने बाघों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है. प्रोजेक्ट टाइगर से मिली सीख के आधार पर हाल में धरती पर बाघों की सात प्रजातियों के संरक्षण के लिए देश ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस नामक पहल शुरू की गयी है.
सत्यमंगलम बाघ अभयारण्य में बाघ को मारने के आरोप में सात गिरफ्तार
इधर, सत्यमंगलम बाघ अभयारण्य के वनकर्मियों ने गुरुवार रात को भवानीसागर वन क्षेत्र में एक बाघ को मारने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वन अधिकारियों के अनुसार 25 जुलाई को भवानीसागर वन रेंजर एन शिवकुमार और विभाग के अन्य अधिकारी कोठमंगलम के निकट कोमारथुर क्षेत्र में नियमित गश्त कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें एक बाघ का शव मिला था. उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी वन पशु चिकित्सक सदाशिवम को दी गई और उन्होंने मौके पर पहुंचकर मृत बाघ की जांच की और मौत के कारण का पता लगाने के लिए उसकी आंत और पेट को परीक्षण के वास्ते प्रयोगशाला भेजा. वन अधिकारियों ने रिपोर्ट मिलने पर बताया कि बाघ को कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने लोहे के जाल का इस्तेमाल करके फंसाया था. उन्होंने बताया कि एक सप्ताह से अधिक समय तक जाल में फंसे रहने के कारण भोजन और पानी के अभाव में उसकी मौत हो गई और इसके बाद शव क्षत-विक्षत होने लगा.
जैव विविधता संरक्षण, सुरक्षा पर कार्रवाई करने में भारत आगे है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जैव विविधता के संरक्षण, सुरक्षा, बहाली एवं उनके संवर्धन पर कार्रवाई करने में भारत लगातार आगे रहा है और अपने अद्यतन लक्ष्यों के माध्यम से देश ने और भी ऊंचे मानक तय किए हैं. जी-20 पर्यावरण एवं जलवायु स्थिरता पर यहां आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए गर्व होता है कि भारत ने अपने महत्वाकांक्षी ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान’’ के माध्यम से इस दिशा में नेतृत्व किया है. उन्होंने कहा, भारत ने 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित विद्युत क्षमता हासिल कर ली है. हमने अपने अद्यतन लक्ष्यों के माध्यम से और भी ऊंचे मानक तय किए हैं. आज स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है.