श्रीनगर : केंद्र सरकार के तीन अधिकारियों के एक दल ने बुधवार को कश्मीर के एनआईटी कॉलेज का दौरा किया. इस कॉलेज में मंगलवार को स्थानीय और गैर-स्थानीय छात्रों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. आज भी एनआइटी के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये छात्र "एनआइटी शिफ्ट करो" के नारे लगा रहे हैं.इस तनाव ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली नवगठित गठबंधन सरकार के लिए पहली बड़ी चुनौती पेश की जिसके बाद सूबे के उपमुख्यमंत्री को सामने आना पड़ा. उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सरकार ने एनआईटी श्रीनगर में हुई झडपों की जांच के आदेश दे दिए हैं. एनआईटी श्रीनगर में एसएसबी राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है.
इस मामले को लेकर आज जम्मू बंद का एलान किया गया है. कश्मीर में स्थित एनआईटी में तनाव जारी है और दूसरे राज्यों के छात्रों ने संस्थान को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने, मंगलवार के लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित कुछ मांगें रखी हैं और इस बीच पिछले छह दिन से चल रहे संकट को हल करने के लिए आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तीन सदस्यीय दल को दिल्ली से यहां भेजा गया.
राजनीतिक सरगर्मी तेज
इस प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान के घटनाक्रम में राजनीतिक सरगर्मी भी आने लगी है. मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस सहित कई नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला किया जिसके बाद राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि अन्य राज्यों के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. इस दौरान छात्रों को सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए परिसर में सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है. परिसर में आंदोलन कर रहे दूसरे राज्यों के छात्रों पर स्थानीय पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का तीन सदस्यीय दल यहा पहुंचा. उन्होंने परिसर में तनाव समाप्त करने के लिए आंदोलनरत छात्रों से बात की. इस दल में संजीव शर्मा, जो मंत्रालय में तकनीकी शिक्षा निदेशक हैं, उप निदेशक वित्त फजल महमूद और एनआईटी के बोर्ड आफ गवर्नर्स के चेयरमन एम जे जराबी शामिल हैं. मंत्रालय ने हालात का जायजा लेने और एनआईटी श्रीनगर में पढाई कर रहे राज्य से बाहर के छात्रों की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए इस दल को यहां भेजा है.
छात्रों की मांग
छात्रों ने केंद्रीय टीम को बताया कि उनकी पहली मांग यह है कि एनआईटी को यहां से स्थानांतरित किया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले तो घर जाना चाहते हैं और उसके बाद आप हमें जहां स्थानांतरित करेंगे, हम वहां चले जाएंगे.’ छात्रों का कहना है कि शुक्रवार को झडप के दौरान पुलिस ने उनसे राष्ट्रीय ध्वज ले लिया. उनकी मांग है कि वह उन्हें वापस लौटाया जाए. एनआईटी परिसर के एक हॉल में जमा हुए छात्रों ने कहा कि उनपर लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए. उन्होंने स्टाफ के कुछ सदस्यों के इस्तीफे की मांग भी की ताकि वह किसी छात्र के भविष्य से खिलवाड न कर सकें. उन्होंने परिसर में मीडिया को आने देने की इजाजत देने का भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुरोध किया.
स्मृति ईरानी ने क्या कहा
सूरत में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि उन्होंने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की है, जिन्होंने सभी छात्रों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. ईरानी के अनुसार महबूबा ने उन्हें आश्वासन दिया कि एनआईटी परिसर में हुई झडपों की जांच का आदेश दे दिया गया है. ईरानी ने कहा कि मेरे अधिकारी आंदोलनरत छात्रों और उनके परिजन के संपर्क में हैं. एक या दो छात्रों ने कहा है कि वह वापस घर जाना चाहते हैं, जिसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. उन्होंने छात्रों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया, जिन्हें लगता है कि आंदोलन का उनकी शैक्षणिक गतिविधियों पर असर पडेगा क्योंकि अगले सप्ताह से परीक्षा होने वाली है.
क्या कहा गृहमंत्री ने
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, जो पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में प्रचार कर रहे थे, बुधवार को कहा कि उन्होंने इस बारे में महबूबा से बात की है और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि सभी छात्र सुरक्षित हैं और वह इस बात का पता लगाएंगी कि परिसर में इस तरह की घटना क्यों हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है. आंदोलनरत छात्रों ने मांग की कि एनआईटी के कुछ अधिकारियों का तबादला किया जाए और उनकी कथित ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और साथ ही उन्हें मुख्य गेट पर हर रोज तिरंगा फहराने की इजाजत दी जाए. प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थित इस परिसर में पिछले सप्ताह भारत और वेस्टइंडीज के बीच टी20 प्रतियोगिता के सेमीफाइनल मैच के बाद तनाव फैल गया. इस मैच में भारत की हार के बाद कुछ स्थानीय छात्रों ने खुशियां मनाइ’ और पटाखे फोडे. इसका दूसरे राज्यों के छात्रों ने विरोध किया, नतीजतन दोनो पक्षों में झडपें हुई.
31 मार्च की इस घटना के बाद से ही परिसर के भीतर का माहौल गर्म
31 मार्च की इस घटना के बाद से ही परिसर के भीतर का माहौल गर्म है और अधिकारियों ने सीमा सुरक्षा बल कर्मियों को तैनात किया है. संस्थान के मुख्य गेट पर स्थानीय पुलिस तैनात है. इस घटनाक्रम के चलते एनआईटी अधिकारियों ने शनिवार को परिसर को बंद कर दिया, लेकिन सोमवार को इसे फिर से खोल दिया गया. बुधवार शाम राज्य से बाहर के छात्रों ने परिसर से बाहर निकलने का प्रयास किया. उनका कहना था कि वह घर जाना चाहते हैं. पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और इस दौरान छात्रों के साथ झडप के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. प्रदर्शनकारी छात्रों की यह भी मांग है कि उनके पर्चे गैर स्थानीय शिक्षक जांचें ताकि सभी परीक्षाओं के दौरान समानता और पारदर्शिता बनी रहे.
छात्रों ने 4 अप्रैल को एनआईटी प्रशासन को एक पत्र सौंपा
राज्य से बाहर के छात्रों ने 4 अप्रैल को एनआईटी प्रशासन को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया है कि फैकल्टी द्वारा किसी तरह का शैक्षणिक शोषण नहीं किया जाए. उन्होंने पांच मांगें रखी हैं और उनका कहना है कि यह मांगे पूरी होने पर परिसर में उनका प्रवास निर्बाध हो जाएगा और वह अपनी पढाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे. पत्र में कहा गया है, ‘‘परिसर में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के कारण बाहरी छात्रों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड रहा है और उनकी जान को खतरा है. इस वजह से छात्र अपने घरों को वापस जाना चाहते हैं.’
राजनीतिक ट्वीट
एचआरडी टीम के यहां पहुंचने पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मामले को चतुराई से निपटाया जाना चाहिए और राज्य सरकार को इसपर बिना किसी दबाव के कदम उठाने चाहिए. उमर ने ट्वीट किया, ‘‘एचआरडी मंत्रालय से टीम का भेजा जाना और जम्मू कश्मीर पुलिस के स्थान पर सीआरपीएफ की तैनाती महबूबा मुफ्ती में दिल्ली के विश्वास की कहानी कह रही है.’ इस घटना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी ध्यान खींचा है, जिन्होंने राज्य की पीडीपी….भाजपा सरकार से छात्रों को परेशान नहीं करने के लिए कहा है. केजरीवाल ने ट्वीट किया कि भाजपा उन लोगों को पीट रही है जो कश्मीर में ‘‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में ऐसा नारा नहीं लगाने वालों के साथ यही सुलूक किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘श्रीनगर में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. भाजपा…पीडीपी को इसे तत्काल रोकना चाहिए।’ इस बीच हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धडे के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने संस्थान में राज्य से बाहर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग के साथ ही केंद्र सरकार से राज्य से बाहर के संस्थानों में पढने वाले कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने को कहा.