नयी दिल्ली : भले अपने लगभग दो साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बड़े सुधारवादी एजेंडे को लागू करने में पूर्णत: सफल नहीं रहे हों, लेकिन देश के मध्यवर्ग का भरोसा उन पर अब भी कायम है और वे अब भी उनकी पहली पसंद हैं. ऐसे ही संकेत इकोनाॅमिक टाइम्स व टाइम्स न्यूज नेटवर्क के एक ताजा सर्वे से मिलते हैं. भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को विभिन्न मोर्चों पर देश के मध्य वर्ग का समर्थन हासिल है.
लोगों ने मोदी को सबसे ज्यादा आर्थिक मोर्चे पर ही पसंद किया है. आर्थिक मोर्चे पर 86 पर्सेंट रेटिंग उन्हें मिली है. रोजगार के अवसर सृजन मामले में उन्हें 62 प्रतिशत रेटिंग मिली है. सर्वे में 58 प्रतिशत लोगों ने माना कि अच्छे दिन आने वाले हैं.
इकोनाॅमिक टाइम्स व टाइम्स न्यूज नेटवर्क का यह सर्वे मूलत: देश के सात महानगरों पर आधारित है. ये महानगर हैं : दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद. टाइम्स ग्रुप के अनुसार, यह सैंपल साइज करीब 2000 से ज्यादा लोगों का था, जिनमें 24 से 50 साल की उम्र के बीच के लोगों को शामिल किया गया है और इनकी आय तीन लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच है. सर्वे में जवाब देने वालों में आधी आबादी महिलाओं की है.
राहुल गांधी पर अब भी नरेंद्र मोदी भारी
इस सर्वे से यह भी स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रियता के मामले में भारी पड़ते हैं. एक से 10 के पैमाने पर मोदी को 7.68 तो राहुल को 3.61 का स्कोर मिला. वित्तमंत्री अरुण जेटली भी लोकप्रियता में राहुल पर भारी पड़े. उन्हें 5.86 का स्कोर मिला. सर्वें में शामिल 41 प्रतिशत लोगों ने मोदी को नौ या दस की रेटिंग दी.
गृहनगर में सर्वाधिक समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके गृहनगर अहमदाबाद में सर्वाधिक समर्थन मिला है. इसके अलावा उन्हें दिल्ली व बेंगलुरु में भी अच्छा समर्थन मिला है. वहीं, मुंबई का रुख संतुलित रहा. जबकि चेन्नई, कोलकाता व हैदराबाद में मोदी सरकार के प्रति लोगों की अच्छी राय नहीं दिखी.
युवाओं का ज्यादा समर्थन
पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को युवाओं में अपेक्षाकृत अधिक समर्थन मिल रहा है. इस सरकार को सबसे ज्यादा 24 से 30 साल आयुवर्ग के लोगों का समर्थन मिला. वे सरकार के आर्थिक मोर्चे पर प्रदर्शन से खुश हैं और उम्मीद रखे हैं कि भविष्य में और बेहतर होगा. सर्वे में इसी वर्ग के 47 प्रतिशत लोगों को शामिल किया गया. जबकि 41 से 50 वर्ष आयुवर्ग के 17 प्रतिशत लोगों को शामिल किया गया.