पनामा घोटाले में मोदी के ‘दोस्त” शामिल, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच : कांग्रेस
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पनामा पेपर लीक मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली और छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए हमला किया है. रमेश ने पनामा घोटाले में दोनों नेताओं के करीबियों के शामिल होने का आरोप लगाया है और मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने की […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पनामा पेपर लीक मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली और छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए हमला किया है. रमेश ने पनामा घोटाले में दोनों नेताओं के करीबियों के शामिल होने का आरोप लगाया है और मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने की बात कही है. इस मामले में रमेश ने वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि पनामा घोटाले में जेटली के करीबी लोग लिप्त हैं, ऐसे में वित्त मंत्रालय की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. डीडीसीए (देल्ही डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन) की 2000 में हुई बैठक में जिस कंपनी को अरुण जेटली ने ठेके दिये थे उसी कंपनी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में गैरकानूनी ढंग से कई कंपनियां खोली हैं.जयराम रमेश ने कहा कि पनामाघोटाले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘दोस्त’ सहितकईबड़ेउद्योगपतियोंकेनामशामिलहैं.
रमेश ने कहा कि उस समय अरुण जेटली कानून मंत्री थे और साथ ही डीडीसीए के अध्यक्ष भी थे. उन्होंने डीडीसीए ग्राउंड में होने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों के ठेके लोकेश शर्मा की कंपनी 21स्ट सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिये थे. रमेश ने कहा कि वही जेटली अभी वित्त मंत्री हैं. ऐसे में उनके मंत्रालय की संस्थाओं की जांच पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है.
रमेश ने कहा कि पनामा मामले में जिनके भी नाम शामिल हैं वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मित्र और पसंदीदा उद्योगपति हैं. ऐसे में सरकारी संस्थाओं की जांच पर कांग्रेस भरोसा नहीं करेगी. जब मोदी और जेटली के करीबी लोग इस मामले में फंसे हैं तो इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए. रमेश ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनी जांच समिति ही पनामा मामले की जांच करें और दोषियों को चिन्हित करे.
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी बोला हमला
जयराम रमेश ने पनामा मामले में एक और खुलासा करते हुए कहा कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में एक और कंपनी का खुलासा आईसीआईजे (International Consortium of Investigative Journalists) ने 2013 में किया था. उस कंपनी के मालिक का नाम पेपर में अभिषाक सिंह बताया जा रहा है. अभिषाक सिंह छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद बेटे अभिषेक सिंह का नाम है. कंपनी के पते के स्थान पर रमन सिंह के घर का पता अंकित है. रमन सिंह भी भाजपा के ही नेता हैं. ऐसे में भाजपा नित केंद्र सरकार रमन सिंह के बेटे के खिलाफ विश्वसनीय जांच कैसे करायेगी. रमेश ने कहा कि सभी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के गठित समिति के द्वारा करायी जाए. तभी निष्पक्ष जांच संभव है.