भारत-पाक शांति वार्ता स्थगित, NIA के पाक दौरे पर संदेह
नयी दिल्ली: पाकिस्तान ने गुरुवार को संकेत दिया कि पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के सिलसिले में एक भारतीय जांच टीम को वहां की यात्रा के लिए इजाजत दिए जाने की संभावना कम है, और इससे भारत की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि पूरी […]
नयी दिल्ली: पाकिस्तान ने गुरुवार को संकेत दिया कि पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के सिलसिले में एक भारतीय जांच टीम को वहां की यात्रा के लिए इजाजत दिए जाने की संभावना कम है, और इससे भारत की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि पूरी जांच एक दूसरे के प्रति प्रतिफल चुकाने के सवाल के बारे में नहीं है और यह पठानकोट आतंकी हमले की जांच में दोनों के बीच सहयोग के बारे में है.
बासित ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह कहना बहुत मुश्किल है. लेकिन इस समय. मेरे विचार से पूरी जांच एक दूसरे के प्रति समान व्यवहार के सवाल से जुडा मामला नहीं है. इससे कहीं आगे यह सहयोग करने के बारे में है और हमारे दोनों देश घटना की तह तक जाने के लिए एक दूसरे से सहयोग कर रहे हैं.’
पाकिस्तान से पांच सदस्यीय एक संयुक्त जांच टीम के पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर हमले की जांच के लिए भारत पहुंचने के कुछ दिनों बाद उनकी यह टिप्पणी आई है. पाक जेआईटी की यात्रा के बाद भारत पडोसी देश में अपनी एनआईए टीम भेजने की उम्मीद कर रहा है. इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि एनआईए ने जेआईटी से इस बात का जिक्र नहीं किया कि वे जांच के सिलसिले में पाकिस्तान जाना चाहेंगे.
स्वरुप ने कहा कि भारत में जेआईटी का काम उस संदर्भ शर्त के मुताबिक है जिस पर दोनों देशों के बीच अपने विदेश कार्यालयों के जरिए सहमति बनी थी. यात्रा एक दूसरे के प्रति वैसा ही व्यवहार करने पर आधारित और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुरुप है. हालांकि बासित ने यहां विदेशी संवाददाताओं के क्लब में बातचीत में कहा कि यह पूरी घटना एक दूसरे के लिए समान व्यवहार करने के बारे में नहीं है बल्कि यह एक दूसरे से सहयोग करने के बारे में है. आइए आशा करें कि सहयोग की भावना आने वाले दिनों और हफ्तों में बनी रहे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह एनआईए की पाक यात्रा से इनकार कर रहे हैं, उन्होंने कहा ‘‘मैं इसे आपकी कल्पना पर छोडता हूं.’ गौरतलब है कि पाक से जेआईटी पिछले महीने भारत की यात्रा पर आयी थी.
गौरतलब है पाक उच्चायुक्त का बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ रही थी. पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तरह के गतिरोध पैदा नहीं करने का फैसला लिया था. नेपाल में सार्क देशों के विदेश मंत्रियों का सम्मेलन में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ अलग से मुलाकात भी की थी. पाकिस्तान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में आने का न्यौता भी दिया था. बासित के इस बयान से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ सकती है.
विदेश मंत्रालय ने पाक उच्चायुक्त के बयान का किया पलटवार, कहा- दोनों पक्ष आदान- प्रदान पर हुए थे सहमत
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त के इस बयान का खंडन किया कि पाकिस्तानी जेआईटी का दौरा आदान-प्रदान के आधार पर नहीं हुआ था और कहा कि इस टीम के भारत आने से पहले दोनों पक्ष सहमत हुए थे कि यह आपसी आदान-प्रदान के आधार पर होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने आज कहा, ‘‘हमने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले की जांच के लिए जेआईटी टीम के दौरे पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त के बयान देखे हैं जो आदान-प्रदान के संदर्भ में है. ‘
उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि जेआईटी के दौरे से पहले 26 मार्च, 2016 को भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को औपचारिक रुप से सूचित किया था कि कार्यक्षेत्र के बारे में इस आधार पर व्यापक सहमति बनी है कि ये आदान-प्रदान पर आधारित होगा तथा वर्तमान कानूनी प्रावधानों के अनुरुप रहेगा. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘तत्पश्चात जेआईटी ने 27 मार्च से एक अप्रैल 2016 के दौरान दौरा किया. ‘ इससे पहले मीडिया से बाचतीत करते हुए पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था, ‘‘मेरे विचार से पूरी जांच आदान प्रदान के आधार पर नहीं है.
यह घटना की तह तक जाने के लिए सहयोग देने या दोनों देशों द्वारा एक दूसरे को सहयोग पहुंचाने को लेकर कहीं ज्यादा है. ‘ बासित के इस बयान पर भारत पाकिस्तान शांति प्रक्रिया निलंबित है, स्वरुप ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के संवाददाता सम्मेलन का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के संपर्क में हैं और दोनों पक्षों ने यह दोहराया है कि तौर तरीके तैयार किए जा रहे हैं. ‘ जकारिया से जब भारत पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर कहूंगा कि वार्ता मुद्दों को हल करने का सबसे अच्छा साधन है. मैंने भारतीय विदेश सचिव का बयान पढा है जिसकी आप चर्चा कर रहे हें और उसमें भी इस बात का संकेत है कि वार्ता होगी.