ये हैं 2013 के चर्चित चेहरे
नई दिल्ली : एक साल के 365 दिन और हर दिन आंखों के सामने से गुजरते कई चेहरे,लेकिन इनमें से कुछ चेहरे अपने किसी काम, किसी उपलब्धि या खासियत की वजह से भीड़ से बिल्कुल अलग नजर आते हैं. इस बरस भी भीड़ से ऐसे कुछ चेहरे उभरे जिनपर नजरें ठहर गईं. करीब एक माह […]
नई दिल्ली : एक साल के 365 दिन और हर दिन आंखों के सामने से गुजरते कई चेहरे,लेकिन इनमें से कुछ चेहरे अपने किसी काम, किसी उपलब्धि या खासियत की वजह से भीड़ से बिल्कुल अलग नजर आते हैं. इस बरस भी भीड़ से ऐसे कुछ चेहरे उभरे जिनपर नजरें ठहर गईं.
करीब एक माह से हर किसी के दिलोदिमाग पर एक ही नाम छाया हुआ है..अरविंद केजरीवाल. इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद नौकरशाही में गये और बाद में राजनीति में उतरे केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा कोई हैसियत नहीं रखने वाला फैक्टर बताकर खारिज कर रही थीं. लेकिन उन्होंने अपने नये राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को न केवल राज्य की सत्ता से बाहर किया बल्कि उन्हीं के चुनाव क्षेत्र से उन्हें हराकर अपने लिए एक नई राजनीतिक जमीन तैयार कर ली.
साल गुजरते गुजरते न्यूयार्क में वीजा जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार की गईं भारत की उप महावाणिज्यदूत देवयानी खोबरागड़े भी चर्चित चेहरों में शामिल हो गईं.
39 वर्षीय देवयानी को 12 दिसंबर को जब गिरफ्तार किया गया तब वह सुबह 9 बजे अपनी बेटी को स्कूल छोडने जा रही थीं. उन्हें वीजा धोखाधड़ी के मामले में सार्वजनिक रुप से हथकड़ी लगाई गयी, कथित तौर पर कपड़े उतरवा कर तलाशी ली गई, जेल में अपराधियों के साथ रखा गया और अदालत में दोषी नहीं होने की दलील देने पर 2,50,000 डॉलर की जमानत पर छोड़ा गया.
दुर्गाशक्ति नागपालयह वह नाम है जिसे लेकर जुलाई में पूरे देश में यह बहस छिड़ गई थी कि क्या ईमानदारी अधिकारियों को महंगी पड़ती है.27 जुलाई को गौतमबुद्धनगर के कादलपुर गांव में एक मस्जिद की दीवार को अदूरदर्शितापूर्ण तरीके से गिरवाकर साम्प्रदायिक तनाव का खतरा पैदा करने के आरोप में दुर्गाशक्ति नागपाल को उपजिलाधिकारी पद से निलंबित किया गया था. लेकिन कहा जा रहा था कि उन्हें रेत माफिया के दबाव में निलंबित किया गया. नागपाल के मामले में उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चौतरफा आरोपों में घिरी थी.
सितंबर माह में नागपाल का निलंबन खत्म कर नई तैनाती दी गई.
पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित करने वाला अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के जरिये किस तरह विभिन्न देशों की जासूसी कर रहा है, यह खुलासा उसकी ही खुफिया एजेंसी सीआईए के एक पूर्व अनुबंधकर्ता एडवर्ड स्नोडेन ने कर डाला.स्नोडेन के खुलासे के बाद अमेरिका को कई देशों का कोपभाजन बनना पड़ा और खुद स्नोडेन अमेरिका की आंखों की किरकिरी बन गए.एक ओर जहां अमेरिका स्नोडेन पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है वहीं स्नोडेन रुस में अस्थायी शरण लिए हुए हैं.
दुनिया की एक बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत के रुप में खुद को स्थापित कर चुके चीन में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया के तहत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी )में दूसरे नंबर के नेता ली क्विंग 15 मार्च को देश के नये प्रधानमंत्री चुने गए. ली ने वेन जियाबाओ का स्थान लिया. ली इससे पहले देश के उपप्रधानमंत्री के तौर पर कार्यरत थे.बालिकाओं की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तान की किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई भी साल के चर्चित चेहरों में शामिल हैं. अक्तूबर में मलाला को यूरोपीय संसद के शीर्ष सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
तालिबान ने पिछले साल पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों के शिक्षा के अधिकार के समर्थन में बोलने पर 16 वर्षीय मलाला की गोली मार कर गंभीर रुप से घायल कर दिया था.
मलाला को हर पांच साल पर दिये जाने वाले 2013 मानवाधिकार पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.