चीन के समक्ष मसूद के मुद्दे को उठा सकती हैं सुषमा
नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयासों को चीन द्वारा अवरुद्ध करने का मुद्दा अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष उठाने की उम्मीद है. यी से सुषमा 18 अप्रैल को मॉस्को में एक त्रिपक्षीय बैठक से इतर मुलाकात करेंगी. […]
नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयासों को चीन द्वारा अवरुद्ध करने का मुद्दा अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष उठाने की उम्मीद है. यी से सुषमा 18 अप्रैल को मॉस्को में एक त्रिपक्षीय बैठक से इतर मुलाकात करेंगी.
विदेश सचिव एस जयशंकर के संयुक्त राष्ट्र में चीनी कार्रवाई का मुद्दा उच्च स्तर पर उठाने की बात कहने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने आज कहा कि भारत इस मामले पर चीन के लगातार संपर्क में हैं और भावी कार्रवाई दोनों देशों के बीच बातचीत के नतीजे पर निर्भर करेगी.
रुस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा की मॉस्को यात्रा की घोषणा करते हुए स्वरुप ने बताया कि अपने प्रवास के दौरान मंत्री रुस के वरिष्ठ मंत्रियों और यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और पारस्परिक हित के मुद्दों का जायजा लेंगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या सुषमा मसूद के मुद्दे को यी के समक्ष उठाएंगी तो प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पारस्परिक हित और चिंता के सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.” चीन के संबंध में भारत की भावी कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर स्वरुप ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर हमारा रख बेहद साफ है कि आतंकवाद पर फैसला करने के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं हो सकते.” स्वरुप ने कहा, ‘‘यह बात चीन को पता है. खासतौर पर आतंकवाद के प्रसार पर चीन द्वारा अक्सर दोहराई जाने वाली चिंता और आतंकवाद निरोध पर हमसे सहयोग की उनकी इच्छा के संदर्भ में है.
इस मुद्दे से संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में निपटा जाएगा. हम इस मामले पर चीन के संपर्क में लगातार हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने इस मुद्दे को उच्च कूटनीतिक स्तर पर उठाया है और चीनियों के साथ इस मुद्दे पर हमारी बातचीत चल रही है और आगे की कार्रवाई इस बातचीत के नतीजे पर निर्भर करेगी. पिछले सप्ताह, चीन ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को अजहर को आतंकवादी घोषित करने से रोक दिया. चीन का कहना था कि मामला सुरक्षा परिषद की जरुरतों को पूरा नहीं करता है.
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों और उनके नेताओं को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने के भारत के प्रयास को अवरुद्ध किया है. संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित किया था लेकिन 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने का भारत का प्रयास फलीभूत नहीं हो सका क्योंकि चीन ने पाकिस्तान के इशारे पर ऐसा नहीं होने दिया.
गत जुलाई में चीन ने इसी तरह मुंबई आतंकी हमले के सरगना जकी-उर-रहमान लखवी की रिहाई के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयास को अवरुद्ध कर दिया था. सुषमा दो राष्ट्रों की यात्रा पर 16 अप्रैल से जाएंगी। इस दौरान वह संयुक्त आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ईरान जाएंगी. इसके बाद त्रिपक्षीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए रुस जाएंगी.