नयी दिल्ली : राजनीति के वैकल्पिक ब्रांड के प्रतीक के रुप में उभरे और इंजीनियर से लोक सेवक बने अरविंद केजरीवाल ने आप को सत्ता में लाकर राजनीतिक सोच बदल दी है. आम आदमी पार्टी की इस जीत से कार्यकर्ताओं की उस पार्टी ने उस व्यंग्य का एक मीठा सा बदला ले लिया है, जिसमें उसे कभी बेहद कमजोर बताया गया था.
आम आदमी पार्टी के 45 वर्षीय नेता ने सामने से मोर्चा संभालकर गैर परंपरागत तरीके से अपनी मुहिम शुरु की और उनकी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर कांग्रेस के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया.
देश के राजनैतिक क्षितिज पर नए सितारे की तरह उभरकर पहली बार में चुनावी मैदान में सफलता हासिल कर लेने वाले केजरीवाल की पार्टी आप को अपना सबसे यादगार उपनाम उस समय मिला था, जब कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने इस साल की शुरुआत में आप को मैंगो पीपुल इन बनाना रिपब्लिक यानि राजनैतिक रुप से बेहद कमजोर देश के लोग कहा था.