”दिल्ली में बिजली दरों में कमी सिर्फ सब्सिडी से संभव”
नयी दिल्ली : दिल्ली के नव-नियुक्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती की है और यह सब्सिडी दिये जाने पर ही संभव है. केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी अपने घोषणापत्र में बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती किये जाने का वादा किया है. […]
नयी दिल्ली : दिल्ली के नव-नियुक्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती की है और यह सब्सिडी दिये जाने पर ही संभव है. केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी अपने घोषणापत्र में बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती किये जाने का वादा किया है.
डेलायट के वरिष्ठ निदेशक देबाशीष मिश्र ने कहा, इसकी संभावना कम ही है कि बिजली कंपनियां सरकार द्वारा नकद सब्सिडी उपलब्ध कराये बिना बिजली दरों में 50 प्रतिशत तक कमी लायें. हालांकि उन्होंने कहा कि वितरण में होने वाले नुकसान में कमी, मांग संबंधी प्रबंधन उपायों, परिचालन तथा रखरखाव में लागत अनुकूलतम करने से गुंजाइश हो सकती है.
पीडब्ल्यूसी के कार्यकारी निदेशक संबीतोष महापात्र ने कहा, ऐसे उपभोक्ताओं की श्रेणी की पहचान कर जहां सब्सिडी लक्षित की जा सकती है और आम आदमी पार्टी के वादे के अनुसार उनके शुल्क में कमी अल्पकाल में व्यवहारिक विचार होगा. उन्होंने कहा कि मुख्य रुप से शुल्क का निर्धारण चार कारकों..मौजूदा परिचालन कुशलता, पूंजी तथा लागत ढांचा, बिजली खरीद समझौता तथा नियामकीय एसेट्स..द्वारा होता है.
महापात्र ने कहा, दीर्घकाल अर्थात अगले पांच साल में चारों करकों को प्रबंधित कर अगर सालाना शुल्क दरों में वृद्धि मौजूदा स्तर पर बरकरार रखी जाती है तो प्रभावी कमी करीब 50 प्रतिशत हो सकती है. इस साल जुलाई में बिजली दरों को संशोधित किया गया है. दिल्लीवासियों को प्रति यूनिट 3.90 रुपये की दर से बिल का भुगतान करना पड़ रहा है.