मंडेला, प्राण, रेशमा, डागर, शावेज, थैचर, फारुक शेख की सिर्फ यादें ही शेष रहीं

नयी दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, हिन्दी फिल्मों में खलनायकी को नई उंचाइयों तक पहुंचाने वाले कलाकार प्राण, प्रख्यात पाकिस्तानी लोक गायिका रेशमा और मशहूर ध्रुपद गायक उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर सहित कुछ जानीमानी हस्तियां इस साल हमेशा हमेशा के लिए हमसे दूर हो गईं और पीछे छोड़ गईं अपनी कभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2013 2:51 PM

नयी दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, हिन्दी फिल्मों में खलनायकी को नई उंचाइयों तक पहुंचाने वाले कलाकार प्राण, प्रख्यात पाकिस्तानी लोक गायिका रेशमा और मशहूर ध्रुपद गायक उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर सहित कुछ जानीमानी हस्तियां इस साल हमेशा हमेशा के लिए हमसे दूर हो गईं और पीछे छोड़ गईं अपनी कभी न खत्म होने वाली यादें…

दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति और वैश्विक रंगभेद विरोधी आंदोलन के प्रणोता नेल्सन मंडेला का लंबी बीमारी के बाद 6 दिसंबर को जोहानिसबर्ग में निधन हो गया. 95 वर्षीय मंडेला ने अपने जीवन के 27 वर्ष जेल में बिताए और वर्ष 1994 में देश में पहले लोकतांत्रिक चुनावों के बाद राष्ट्रपति बने.

वेनेजुएला में 14 साल तक देश का नेतृत्व करने वाले तेजतर्रार वामपंथी नेता ह्यूगो शावेज का इस साल 5 मार्च को देहांत हो गया. तथाकथित ‘‘ऑयल डिप्लोमेसी’ को बढ़ावा देने वाले शावेज वर्ष 1999 से मृत्यु तक देश के राष्ट्रपति रहे.

ब्रिटेन की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर का 8 अप्रैल को 87 साल की उम्र में निधन हो गया.. ‘लौह महिला’ के नाम से विख्यात थैचर 1979 से 1990 तक कंजरवेटिव पार्टी की सरकार में प्रधानमंत्री रहीं.

मशहूर ध्रुपद गायक उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर का 9 मई को मुंबई में निधन हो गया. प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद जियाउददीन डागर के बेटे फरीदुद्दीन ने अपने दिवंगत भाई जिया मोहिउद्दीन डागर :मशहूर रुद्र वीणा वादक: के साथ मिलकर ध्रुपद शैली के गायन को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई थी.

जाने माने फिल्म निर्माता रितुपर्णो घोष का दिल का 30 मई को दौरा पड़ने से उनके दक्षिण कोलकाता निवास में निधन हो गया. ‘उनिशे अप्रैल’ के लिए 1995 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये 49 वर्षीय घोष ने ‘दहन’, ‘असुख’ ‘चोखेर बाली’, ‘रेनकोट’, ‘बेरीवाली’, ‘अंतरमहल’ और ‘नौका डूबी’ जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया.

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