गांगुली के खिलाफ जांच पर इस सप्ताह सरकार उच्चतम न्यायालय को भेजेगी प्रेसीडेंशियल रेफरेंस

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) ए के गांगुली के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए इस सप्ताह उच्चतम न्यायालय को प्रेसीडेंसियल रेफरेंस (राष्ट्रपति का उच्चतम न्यायालय से परामर्श मांगना) भेज सकती है. गृह मंत्रालय के अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती की राय को शामिल करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अगली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2013 7:18 PM

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) ए के गांगुली के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए इस सप्ताह उच्चतम न्यायालय को प्रेसीडेंसियल रेफरेंस (राष्ट्रपति का उच्चतम न्यायालय से परामर्श मांगना) भेज सकती है.

गृह मंत्रालय के अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती की राय को शामिल करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अगली बैठक में प्रेसीडेंशियल रेफरेंस भेजने के संबंध में एक नोट रख सकता है. वाहनवती का कहना है कि महिला लॉ इंटर्न के प्रति ‘अवांछित व्यवहार’ के आरोपों के मद्देनजर गांगुली के खिलाफ मामला बन सकता है.सूत्रों ने कहा कि एक बार मंत्रिमंडल प्रस्ताव को हरी झंडी दे देता है, तो इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जायेगा.

इसके बाद गृह मंत्रालय राष्ट्रपति के उच्चतम न्यायालय से राय मांगने के प्रस्ताव को भारत के प्रधान न्यायाधीश के पास भेजेगा ताकि इस पूरे मामले की नये सिरे से जांच करायी जा सके.

शीतकालीन छुट्टियों के बाद उच्चतम न्यायालय की बैठक शुरु होने पर सरकार इस पहल को आगे बढ़ा सकती है.

अटार्नी जनरल का यह सुझाव तब आया जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर राय मांगी गई. पत्र में महिला लॉ इंटर्न के यौन उत्पीड़न के आरोप में गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाये जाने की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति गांगुली ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और अपने पद से इस्तीफा देने से भी इंकार किया है.

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