प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हर कोई करना चाहता है:एनएसई प्रमुख

मुंबई : देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज :एनएसई: की प्रमुख चित्र रामकृष्ण का मानना है कि कोई भी नया उत्पाद और प्रणाली प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम की कीमत पर नहीं होना चाहिये. उन्होंने यह बात शेयर कारोबार में वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी के बढते उपयोग को देखते हुये कही. उन्होंने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2013 12:15 PM

मुंबई : देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज :एनएसई: की प्रमुख चित्र रामकृष्ण का मानना है कि कोई भी नया उत्पाद और प्रणाली प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम की कीमत पर नहीं होना चाहिये. उन्होंने यह बात शेयर कारोबार में वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी के बढते उपयोग को देखते हुये कही.

उन्होंने कहा ‘‘प्रौद्योगिकी वह साधन है जिसका हर कोई इस्तेमाल करना चाहता है. आपके समक्ष कोई विकल्प नहीं है. आपको लगातार आगे बढ़ना होगा और अपनी प्रौद्योगिकी में लगातार सुधार लाना होगा अन्यथा आप दौड़ से बाहर हो जायेंगे.’’एनएसई की सीईओ और प्रबंधन निदेशक ने कहा ‘‘लेकिन प्रौद्योगिकी के बैंचमार्क से न केवल कारोबार, प्रदर्शन और कामकाज में गति बढ़ती है बल्कि इसमें कुछ जोखिम भी आता हे. पूरी दुनिया में शेयर बाजारों के कारोबार में हर कोई वास्तव में इस जोखिम को कम करने में लगा हुआ है.’’प्रौद्योगिकी शेयर बाजार के लिये वरदान है अथवा श्रप, यह पूछे जाने पर रामकृष्ण ने कहा इसका संक्षिप्त में कोई बेहतर जवाब नहीं हो सकता.

पूरी दुनिया के शेयर बाजारों की वृद्धि में प्रौद्योगिकी की अहम् भूमिका रही है. एनएसई भी इस मामले में पीछे नहीं रहा है. हालांकि, प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम भी नियामकों के लिये बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं. यही वजह है कि दुनियाभर में पूंजी बाजार के नियामक कारोबार में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जुड़े लाभ और जोखिम के बीच संतुलन साधने में लगे हैं. बातचीत में रामकृष्ण ने कहा ‘‘हर कोई इसकी खोज में लगा है.हममें से कुछ को नियामक कुछ करने के लिये जोर दे सकते हैं और हममें से कुछ इसे अधिक सक्रियता के साथ कर सकते हैं. केवल यही फर्क है.’’ भारत में नियामक ने शुरु से ही इस बात को स्पष्ट किया है कि जब कभी प्रौद्योगिकी, जोखिम प्रबंधन और ऐसा कोई मुद्दा होगा इसमें उत्पाद के नियामकीय पक्ष में कहीं कोई समझौता नहीं होगा.

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