वर्ष 2014 में इन मुद्दों पर रहेगी नजर

नयी दिल्ली : वर्ष 2014 की शुरुआत बेहद करीब है और नये साल में निश्चित रुप से उन मुद्दों पर नजर रहेगी जिनकी जड़ें खत्म होने जा रहे वर्ष 2013 से जुड़ी हैं. इस साल देश के राजनैतिक क्षितिज पर नये सितारे की तरह उभरकर पहली बार में चुनावी मैदान में सफलता हासिल कर लेने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2013 12:36 PM

नयी दिल्ली : वर्ष 2014 की शुरुआत बेहद करीब है और नये साल में निश्चित रुप से उन मुद्दों पर नजर रहेगी जिनकी जड़ें खत्म होने जा रहे वर्ष 2013 से जुड़ी हैं. इस साल देश के राजनैतिक क्षितिज पर नये सितारे की तरह उभरकर पहली बार में चुनावी मैदान में सफलता हासिल कर लेने वाले अरविंद केजरीवाल ने साल बीतते बीतते दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का भरोसा दिलाया. निश्चित रुप से साल 2014 में उनके और उनकी सरकार के कामकाज पर नजर रहेगी.

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव होने हैं. आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिले समर्थन ने देश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा की नींद उड़ा कर रख दी है. लोकसभा चुनावों में आप की ताकत लोग जरुर देखना चाहेंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रभावी भूमिका निभाने वाले सोशल मीडिया का असर वर्ष 2014 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में भी दिखेगा.

भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर प्रावधानों वाले बहुचर्चित और दशकों से लंबित लोकपाल विधेयक को इस साल संसद की मंजूरी मिल गई जिससे केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की संस्था के गठन का रास्ता साफ हो गया. नये साल में सभी देखना चाहेंगे कि यह विधेयक कितना असरदार होगा. दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती महंगाई और नियंत्रण हटने के बाद तेजी से बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम साल 2014 में अपना रंग जरुर दिखायेंगे.

राजधानी में नर्सरी में प्रवेश को लेकर जारी किए गये नये दिशानिर्देशों के बाद स्कूल कौन से कदम उठाएंगे, इसका इंतजार रहेगा क्योंकि निजी स्कूलों का प्रबंधन कठोर नियमों में भी खामियां खोज लेता है. शिक्षा के क्षेत्र में फोर ईयर अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम का मुद्दा 2014 में छाया रहेगा क्योंकि दिल्ली विश्वविद्यालय की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर खासा विरोध हो चुका है और संस्थान के छात्र संघ चुनाव भी इसके असर से अछूते नहीं रहे.

देश में पिछले दिनों संपन्न 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में, उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में मतदाताओं को इनमें से कोई नहीं (नोटा) का विकल्प मिला. लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया यह कदम अगले साल लोकसभा चुनावों में अपना महत्व दिखाएगा.

तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल और न्यायमूर्ति ए के गांगुली पर सह कर्मियों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद कार्यस्थलों पर विशाखा गाइडलाइन के तहत कमेटियों के गठन की मांग तेज हो गयी है. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक ऐसी समिति के गठन की बात को तवज्जो नहीं मिली. उम्मीद है कि नये साल में कुछ तो होगा.

राजधानी नई दिल्ली में दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के तहत केंद्रीय सचिवालय से मंडी हाउस के बीच पहले खंड पर परीक्षण शुरु हो चुका है. केंद्रीय सचिवालय कश्मीरी गेट मेट्रो लाइन पर तीन किलोमीटर भूमिगत खंड पर निर्माण कार्य 11 मई 2013 को शुरु हुआ था और उम्मीद है कि इसे मार्च 2014 के अंत तक यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा.

समलैंगिकता पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में आवाजें उठ रही हैं. हो सकता है कि यह मुद्दा वर्ष 2014 में बड़ा रुप ले ले. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के पहले केंद्र से कामकाज की पूरी तरह शुरुआत अगले साल के आखिर तक छत्तीसगढ़ में की जायेगी. इस केंद्र के आंकड़ों से नक्सल रोधी अभियानों में मदद मिलेगी.

छत्तीसगढ़ में एक निश्चित स्थान पर उपग्रहों से संबद्ध पांच टर्मिनल स्टेशनों की शुरुआती स्थापना के साथ इस अहम परियोजना पर काम शुरु हो चुका है. भारत के पहले मंगल मिशन की शुरुआत 5 नवंबर 2013 को हुई और मंगल यान के 14 सितम्बर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचने की संभावना है.

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