निजी बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट करने के लिए सीएजी तैयार
नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों के आधिकारिक ऑडिट का आदेश दिए जाने के बाद आज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संकेत दिए कि वह तीनों बिजली वितरण कंपनियों के खातों की जांच करने के लिए तैयार है. सीएजी सूत्रों ने बताया कि सीएजी (कर्तव्य, अधिकार एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1971 में […]
नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों के आधिकारिक ऑडिट का आदेश दिए जाने के बाद आज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संकेत दिए कि वह तीनों बिजली वितरण कंपनियों के खातों की जांच करने के लिए तैयार है.
सीएजी सूत्रों ने बताया कि सीएजी (कर्तव्य, अधिकार एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1971 में उप-राज्यपाल (दिल्ली के मामले में) के अनुरोध पर निजी कंपनियों के ऑडिट का प्रावधान है. इस प्रावधान के मुताबिक सीएजी किसी भी ऐसी कंपनी का ऑडिट कर सकता है जिसमें सरकार ने अच्छा-खासा निवेश कर रखा है.
एकमात्र शर्त यह है कि इस तरह के ऑडिट का आदेश सीएजी से विचार-विमर्श के बाद ही दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल सीएजी शशिकांत शर्मा से मुलाकात कर निजी बिजली वितरण कंपनियों के ऑडिट के मुद्दे पर चर्चा की थी. केजरीवाल ने फिर इस मुद्दे पर बुधवार को कैबिनेट में चर्चा की जिसमें फैसला किया गया कि निजी बिजली कंपनियों का ऑडिट कराया जाएगा और इस बाबत उप-राज्यपाल ने सीएजी को औपचारिक तौर पर अनुरोध भी किया है. सीएजी सूत्रों ने कहा कि सरकारी ऑडिटर को यह काम करने में कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि, सीएजी कार्यालय निजी कंपनियों के साथ सीधे तौर पर तो संपर्क नहीं करेगा पर दिल्ली सरकार के विभागों के माध्यम से यह काम किया जाएगा.
इस बीच, एक निजी कंपनी ने सीएजी का 2002 का एक पत्र बांटा है जिसमें निजी कंपनियों के कामकाज में सरकारी ऑडिटरों को नियुक्त करने से इंकार किया गया है. सीएजी सूत्रों ने कहा कि 2002 के मामले में हो सकता है कानून के मुताबिक उप-राज्यपाल की तरफ से औपचारिक अनुरोध न किया गया हो.