मार्च में आ सकता है भाजपा का अल्पसंख्यकों पर दृष्टि पत्र

नयी दिल्ली : अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान को लेकर भाजपा का दृष्टि पत्र (विजन डॉक्यूमेंट) आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च महीने में आ सकता है. इसे अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने की भाजपा की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2014 12:51 PM

नयी दिल्ली : अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान को लेकर भाजपा का दृष्टि पत्र (विजन डॉक्यूमेंट) आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च महीने में आ सकता है. इसे अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने की भाजपा की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने आज कहा, अल्पसंख्यकों पर दृष्टि पत्र को लेकर काम चल रहा है. इस संदर्भ में कई बैठकें हो चुकी हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि मार्च में यह दृष्टि पत्र सामने आ जाएगा. पार्टी ने पिछले साल इस दृष्टि पत्र को तैयार करने और लोकसभा चुनाव से पहले इसे लाने का ऐलान किया था. इसको तैयार करने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.

इस समिति में नकवी के अलावा पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, अंसारी तथा अल्पसंख्यक मोर्चा के कुछ दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारियों को जगह दी गई है. अंसारी ने कहा, हाल के कुछ महीनों में अलग अलग लोगों के साथ समिति की कई बैठकें हुई. इसे लेकर समाज के अलग अलग लोगों के विचार लिए गए.

मुस्लिम संगठनों के लोगों से भी सलाह ली गई है. इस पर अभी और विचार विमर्श चल रहा है और इसे हम जल्द तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा के इस दृष्टि पत्र में पार्टी शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति की तुलना कांग्रेस एवं दूसरे दलों के शासन वाले राज्यों में अल्पसंख्यकों की हालत से की जाएगी.

अंसारी कहते हैं, कांग्रेस तथा खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली पार्टियों के शासन में मुसलमानों एवं दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय की क्या हालत है, यह किसी से छिपा नहीं है. गुजरात और मध्य प्रदेश में मुसलमानों की हालत दूसरे राज्यों के मुसलमानों से कहीं बेहतर है. इसी तरह के बिंदुओं को हम इस दृष्टि पत्र में शामिल करेंगे.

उन्होंने कहा, इस दृष्टि पत्र में पार्टी यह भी बताने की कोशिश करेगी कि अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर उसका क्या दृष्टिकोण है. सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी का मामला भी इसमें रेखांकित होगा.

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