आग रोधी सामग्री से रेल डिब्बों की सुरक्षा करेगा रेलवे

नयी दिल्ली : आग लगने की अक्सर हो रही घटनाओं के मद्देनजर रेलवे एक अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है ताकि रेल डिब्बों के लिए अच्छी अग्निरोधी सामग्री का निर्माण किया जा सके और वातानुकूलित डिब्बों के दरवाजों को दोनों ओर से खुल सकने वाला बनाया जा सके. इसके अलावा रेलवे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2014 12:58 PM

नयी दिल्ली : आग लगने की अक्सर हो रही घटनाओं के मद्देनजर रेलवे एक अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है ताकि रेल डिब्बों के लिए अच्छी अग्निरोधी सामग्री का निर्माण किया जा सके और वातानुकूलित डिब्बों के दरवाजों को दोनों ओर से खुल सकने वाला बनाया जा सके. इसके अलावा रेलवे सभी राजधानी ट्रेनों के लिए एक नयी तकनीक का भी परीक्षण कर रहा है. धुएं या आग की स्थिति में यह तकनीक ट्रेन को खुद ही रोक देगी. स्वचालित ब्रेक्रिंग प्रणाली वाले फायर अलार्म सबसे पहले जम्मू राजधानी ट्रेन में लगाए जाएंगे.

नयी प्रणाली में अलार्म की चार चरणीय व्यवस्था होगी. यह ब्रेक व्यवस्था से जुड़ी होगी. आग का पता चलते ही आपात ब्रेकिंग प्रणाली सक्रिय हो जाएगी और ट्रेन तत्काल ही रुक जाएगी. रेलवे के एसी कोच बनाने वाली इकाई को निर्देश दिए गए हैं कि वह एसी डिब्बों के दरवाजे ऐसे बनाए, जो अंदर और बाहर दोनों ओर से खोले तथा बंद किए जा सकें. फिलहाल एसी डिब्बों के दरवाजे सिर्फ डिब्बे के अंदर की ओर से ही खोले जा सकते हैं.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकरी ने कहा कि यह हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में नवंबर 2011 को आग लगने के बाद रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा की गई सिफारिशों में से एक है. पिछले माह बेंगलूर-नांदेड़ एक्सप्रेस के एसी डिब्बे में 26 लोग जलकर मर गए थे. इससे पहले तमिलनाडु एक्सप्रेस में आग लगने से 32 लोगों की मौत हो गई थी.

नवंबर 2011 में हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लग गई थी. इस दुर्घटना में 7 लोग जलकर मर गए थे. इसके बाद यह आग दूसरे डिब्बे में फैल गई और दोनों ही डिब्बे बुरी तरह जल गए थे. 18 अप्रैल 2011 को मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के तीन डिब्बों में मध्यप्रदेश के रतलाम के पास आग लग गई थी.

जुलाई 2011 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर नयी दिल्ली-पटना राजधानी एक्सप्रेस के जनरेटर कोच में आग लग गई थी. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम लखनउ स्थित अनुसंधान विकास और मानक संगठन में अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला लगा रहे हैं ताकि डिब्बों में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सामग्रियों की अग्निशमन विशेषता की जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला से डिब्बों के लिए बेहतर अग्नि रोधी सामग्री बनाने में मदद मिलेगी.

इसका मुख्य लक्ष्य आग लगने से रोकना है और यह सुनिश्चित करना है कि यदि आग फैल जाती है तो धुएं के कारण पैदा हुई अदृश्यता से बचाव कार्यों में बाधा न आए.

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