अब मोदी और केजरीवाल छाप पतंगें पेंच लड़ाने को तैयार
इंदौर: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीरों वाली पतंगें यहां 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर एक.दूसरे की डोर काटने की कोशिश करते हुए आकाश पर कब्जे की होड़ में शामिल दिखायी देंगी. आगामी लोकसभा चुनावों से पहले देश के सियासी परिदृश्य में […]
इंदौर: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीरों वाली पतंगें यहां 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर एक.दूसरे की डोर काटने की कोशिश करते हुए आकाश पर कब्जे की होड़ में शामिल दिखायी देंगी.
आगामी लोकसभा चुनावों से पहले देश के सियासी परिदृश्य में जारी अहम बदलावों के बीच पतंग बाजार के खिलाड़ियों ने ‘ब्रांड मोदी’ और ‘ब्रांड केजरीवाल’ को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है.
तंग गलियों वाले काछी मोहल्ले के प्रमुख पतंग विक्रेता सोहराब हुसैन ने आज बताया, ‘इस बार मोदी छाप पतंगें और केजरीवाल छाप पतंगें खास आकर्षण के तौर पर बाजार में उतारी गयी हैं. इनकी कीमत पांच रुपये से 50 रुपये के बीच है.’ बाजार में दिखायी दे रही अधिकांश ‘मोदी छाप’ पतंगें केसरिया रंग की हैं. इन पतंगों पर गुजरात के 63 वर्षीय मुख्यमंत्री की विजयी मुद्रा में मुस्कुराती तस्वीरें छपी हैं.दूसरी ओर, ‘केजरीवाल छाप’ पतंगों पर छपे चित्रों में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल :45: अपने दल की टोपी पहने दिखायी देते हैं.
हालांकि, जैसा कि हुसैन बताते हैं कि पतंगबाजी की परंपरा से जुड़े मकर संक्रांति पर्व के दौरान बड़ी हस्तियों के चेहरे वाली पतंगों की बाजार में मौजूदगी सार्वजनिक जीवन में उनकी लोकप्रियता की मौजूदा स्थिति पर निर्भर करती है.उन्होंने कहा, ‘इस सिलसिले एकदम सीधा गणित है. जो हस्ती मीडिया में जितनी ज्यादा दिखती है, उसकी तस्वीर वाली पतंगें उतनी ज्यादा बिकती हैं.’हुसैन ने बताया कि पिछले साल मकर संक्रांति के मौके पर शहर के बाजारों में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की तस्वीरों वाली पतंगों की धूम थी. लेकिन इस बार ‘अन्नाछाप’ पतंगों की मांग नहीं के बराबर है.