नयी दिल्ली : मुजफ्फरनगर दंगा के प्रभावितों को अपने संगठन में भर्ती करने के लिए लश्कर ए तैयबा द्वारा उनसे संपर्क करने की खबरों पर कांग्रेस ने आज कहा कि इससे राहुल गांधी का यह बयान सही साबित हुआ कि पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई दंगा पीडि़तों को लालच दे रही थी जबकि भाजपा ने सरकार से लश्कर अभियान के तथ्यों पर स्पष्टीकरण मांगा है.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इस खबर से पिछले साल अक्तूबर में एक चुनावी रैली दंगाप्रभावितों पर राहुल गांधी के बयान की पुष्टि हुई जिस पर विपक्षी दल भड़क गए थे.
सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, यदि यह सूचना सही है कि लश्कर के कुछ लोग शरणार्थियों को लुभाने के लिए राहत शिविरों में गये थे तब राहुल गांधी ने जो कुछ कहा था, वह सही साबित होती है. मीडिया में खबर आयी है कि लश्कर ए तैयबा के साथ कथित संपर्क को लेकर पिछले महीने गिरफ्तार किए गए हरियाणा के दो मौलवी और एक अन्य लश्कर आतंकवादी मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में गए थे और उन्होंने लोगों को अपने संगठन में भर्ती करने की कोशिश की थी.
भाजपा पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, जो लोग ध्रुवीकरण की राजनीति में यकीन करते हैं, जो लोग सांप्रदायिकता की राजनीति में विश्वास करते हैं, उन्हें उस नुकसान का अहसास करना चाहिए जो वे भारत के विचार को पहुंचाते हैं.हालांकि भाजपा ने मांग की है कि गृहमंत्री तथ्यों पर स्पष्टीकरण दें. उसने वर्तमान स्थिति को अस्वीकार्य करार दिया है.
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, इससे पता चलता है कि पाकिस्तान से समर्थन एवं वित्तपोषण पाने वाले लश्कर ए तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों का अच्छा खासा नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है. उन्होंने (सरकार) अपने आप क्या कार्रवाई की है. यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. कोई पकड़ा नहीं गया, किसी का पता नहीं चला. यह अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र को जवाब देना चाहिए.
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि मुजफ्फरनगर कई राजनीतिक दलों के लिए राजनीतिक प्यादा बन गया है, लेकिन उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है.उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को जो कुछ करना चाहिए, वह करे, लेकिन इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.