नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का सात दिनों का सत्र मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस आश्वासन के साथ खत्म हुआ कि उनकी सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर करेगी और ‘‘उनकी सरकार में दूरदर्शिता की कमी हो सकती है’‘ लेकिन इसकी मंशा शुद्ध है.
उपराज्यपाल के सोमवार के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए केजरीवाल ने सदन में अपने छह मिनट के भाषण में कहा, ‘‘आप (भाजपा और कांग्रेस के विधायकों) ने अच्छा काम किया है. हम नए हैं (सदन के लिए). हमें अपना मानते हुए गलतियों के लिए कृपया हमें डांटते रहिए. हमें सोने मत दीजिए और हमेशा जागरुक रखिए.’‘
उन्होंने कहा, ‘‘हममें कमियां और दूरदर्शिता की कमी हो सकती है लेकिन हमारी मंशा शुद्ध है.’‘विपक्ष और सरकार के बीच बेहतर समन्वय का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा ‘‘28 विधायक’‘ स्थिति से नहीं निपट सकते बल्कि समस्याओं के समाधान के लिए पूरी दिल्ली को एक साथ आना होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह बाद में होगा लेकिन कम से कम 70 सदस्यों के बीच समन्वय होना चाहिए.’‘उन्होंने कहा कि वार्ता के बगैर स्वराज नहीं आ सकता. केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह भाजपा, कांग्रेस या आप के बारे में नहीं है. हमें अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए एकसाथ होकर काम करना होगा.’‘