नयीदिल्ली : दिल्ली पुलिस ने आज उस मर्सिडीज कार के मालिक से पूछताछ की, जिसके नाबालिग पुत्र ने कथित रूप से इस कार से उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइन इलाके में 32 वर्षीय एक व्यक्ति को टक्कर मारकर उसकी जान ले ली थी. इससे पूर्व शहर की एक अदालत ने कार के मालिक को पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मधुर वर्मा ने बताया कि व्यक्ति को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर आज अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में सौंपा है. उद्योगपति से तमाम तरह के सवाल पूछे जाएंगे, विशेष रूप से उस व्यक्ति के जुड़े जो हादसे के बाद पुलिस के पास आया, और खुद को वाहन चालक बताते हुए हादसे की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन बाद में मुकर गया.
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान मिली सूचनाओं के आधार पर और आरोप भी लगाये जा सकते हैं. इस बीच मामले के जांच अधिकारी को भी कल बदल दिया गया. पीड़ित सिद्धार्थ शर्मा की बहन ने कल दिल्ली के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा से मिलकर मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
पुलिस अदालत जाकर किशोर की हिरासत मांगने के संबंध में कानूनी सलाह ले रही है. क्योंकि इस सिलसिले में पहले दर्ज मामला 304ए (लापरवाही से मौत), जो जमानती धारा है को बदलकर 304 (गैरइरादतन हत्या), में बदल दिया है. 304 गैर-जमानती धारा है.
किशोर द्वारा अतीत में भी लपरवाही से वाहन चलाने के मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. जानकारी के अनुसार, किशोर कल 18 वर्ष का हो गया. पुलिस ने बताया, जांच के दौरान यह सामने आया कि इस किशोर आरोपी द्वारा लापरवाही से वाहन चलाने का यह पहला मामला नहीं है. अतीत में भी वह खराब और लापरवाह तरीके से वाहन चलाता रहा है, जिसके कारण दूसरे वाहन के साथ उसकी टक्कर भी हो गयी थी.
पुलिस ने बताया, इन तथ्यों के आलोक में, सिद्धार्थ शर्मा की मौत गैर इरादतन हत्या का मामला है और किशोर के पिता ने उसे कार बाहर ले जाने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और इस तरह वह किशोर को अपराध के लिए उकसा रहे हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 17 साल पहले संजीव नंदा बीएमडब्ल्यू मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.