नयी दिल्ली : पठानकोट हमले के बाद भारत पूरी तरह से सजग हो गया है. इस हमले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ लगी 2900 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा की सुरक्षा को लेकर एक योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत सीमा की सुरक्षा को लेकर फाइव-लेयर सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी. इस बाबत आज अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर प्रकाशित की है जिसके अनुसार आजादी के बाद पहली बार पूरी तरह सीमा को लॉक किया जाएगा. अखबार के मुताबिक इस योजना के अमल होने पर 2900 किलोमीटर लंबे इंटरनेशनल सीमा को पूरी तरह लॉक कर दिया जाएगा जिससे भारत में घुसपैठियों के प्रवेश में कमी आएगी.
खबर के अनुसार इस सुरक्षा के तहत 24 घंटे उच्च तकनीकी क्षमता से लैस उपकरणों की मदद से पाक सीमा पर निगरानी होगी. इस प्रकार की सुरक्षा से पठानकोट जैसे आतंकवादी हमलों और तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी. सीमा के दूसरी ओर होने वाली हर गतिविधि पर चौकस नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा, थर्मल इमेज और रात में देखे जाने वाले उपकरण, लड़ाई क्षेत्रों में निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाले रडार, अंडरग्राउंड मॉनिटरिंग सेंसर्स और लेजर अवरोधकों का इस्तेमाल किया जाएगा और सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा जिससे पड़ोसी मुल्क के मंसूबों में कमी आएगी.
अधिकारियों का इस मामले में कहना है कि कई उपकरण लगाने का मकसद यह है कि अगर इन उपकरणों में से कोई एक भी काम नहीं करे तो दूसरा उपकरण किसी भी हरकत पर नजर रखे और वक्त रहते नियंत्रण कक्ष को चौकन्ना कर दे. जम्मू और कश्मीर से लेकर गुजरात सीमा तक नदी और पहाड़ी वाले 130 जगहों पर लेजर अवरोधक लगाए जाने की योजना है. ऐसे रास्तों का इस्तेमाल घुसपैठिए भारत में प्रवेश करने के लिए करते हैं.