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पुत्तिंगल मंदिर हादसा : प्रबंधन समिति के 7 सदस्यों ने किया सरेंडर, क्राइम ब्रांच का दावा 20 लोग थे शामिल

कोल्लम (केरल) : पुत्तिंगल देवी मंदिर में भीषण आग त्रासदी के सिलसिले में पुलिस ने सोमवार को छह लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है जिसके बाद मंगलवार को मंदिर के पांच पदाधिकारियों ने सरेंडर किया है. जिन छह लोगों को खिलाफ मामला दर्ज किया गया है […]

कोल्लम (केरल) : पुत्तिंगल देवी मंदिर में भीषण आग त्रासदी के सिलसिले में पुलिस ने सोमवार को छह लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है जिसके बाद मंगलवार को मंदिर के पांच पदाधिकारियों ने सरेंडर किया है. जिन छह लोगों को खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य और आतिशबाजी ठेकेदारों के सहायक शामिल हैं. वहीं एक शीर्ष विस्फोटक नियंत्रक अधिकारी ने नियमों के गंभीर उल्लंघन तथा प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल की ओर इशारा किया है.पहले इस मामले में पांच लोगों ने समर्पण किया था. आज सुबह दो और सदस्यों ने क्राइम ब्रांच के सामने समर्पण कर दिया. इस तरह अबतक समर्पण करने वालों की संख्या सात हो गयी है.

क्राइम ब्रांच के एसपी टीएफ जेवियर ने कहा है कि इस मामले में कम से कम 20 लोग अपने शामिल हैं और यह नंबर और बढ़ सकता है.

केरल उच्च न्यायालय मंदिर के समारोहों में आतिशबाजी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा. वहीं पुत्तिंगल देवी मंदिर में हुई त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढकर 109 पहुंच गई है जबकि 300 से ज्यादा लोगों का अब भी अनेक अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 308 (गैर इरादतन हत्या के प्रयास) के तहत और विस्फोटक सामग्री कानून की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया गया है. मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों के अलावा ठेकेदारों के सहायकों के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया है जिन्होंने जिला प्रशासन की पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी प्रदर्शन की प्रतिस्पर्धा आयोजित की. अपराध शाखा ने भी आतिशबाजी विस्फोट के मामले में जांच शुरू कर दी.

हालात का जायजा लेने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक, नागपुर, सुदर्शन कमल ने सोमवार को घटनास्थल का मुआयना करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि नियमों का गंभीर रुप से उल्लंघन किया गया और बुनियादी सतर्कताओं तथा पाबंदी आदेश का पालन नहीं किया गया. कमल ने कहा कि विस्फोटक नियमों के गंभीर उल्लंघन की बात दिखाई देती हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शन में इस्तेमाल विस्फोटकों की जांच करने यहां आये हैं. आपूर्तिकर्ताओं ने प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल किया. इस बीच, पुलिस ने पास के आतिंगल में एक गोदाम से कम से कम 100 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया. पुलिस ने दो कारों को भी जब्त कर लिया जिनमें आतिशबाजी बनाने के लिए इस्तेमाल कच्चा माल पडा था.

वहीं सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार तीन और घायलों की मौत के साथ इस घटना में मारे गये लोगों की संख्या बढकर 109 हो गयी है. करीब 300 लोगों का अब भी अनेक अस्पतालों में उपचार चल रहा है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वी एस शिवकुमार ने कहा कि यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराये गये सात लोगों की हालत गंभीर है. सौ साल पुराने मंदिर में यह त्रासदी रविवार तडके साढे तीन बजे के करीब हुई, जब मंदिर परिसर में आतिशबाजी चल रही थी. हजारों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हुए थे. मृतकों में14 की पहचान अभी नहीं हो सकी है क्योंकि शरीर बुरी तरह जल गये हैं.

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