जानें, एक छोटे कस्बे से गुड़गांव शहर बनने की कहानी

इंटरनेट डेस्क हरियाणा सरकर ने गुड़गांव का नाम बदलने फैसला लिया है. इसके घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गयी. नये नाम गुरुग्राम को लेकर कई लोगों ने आश्चर्य जताया हैं. हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब शहरों के नाम बदले गये हैं. देश में प्राय: बड़े शहरों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2016 4:54 PM

इंटरनेट डेस्क

हरियाणा सरकर ने गुड़गांव का नाम बदलने फैसला लिया है. इसके घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गयी. नये नाम गुरुग्राम को लेकर कई लोगों ने आश्चर्य जताया हैं. हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब शहरों के नाम बदले गये हैं. देश में प्राय: बड़े शहरों के नाम बदले जा चुके हैं. इससे पहले कलकत्ता को कोलकाता, बंबई को मुंबई और मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया है. आइये जानते है एक छोटे से कस्बे से गुडगांव शहर बनने की कहानी:
दिल्ली से 32 किमी दूर हरियाणा के इस शहर में दुनिया के 250 फार्च्यून कंपनियों का दफ्तर है. प्रतिव्यक्ति आय के मामले में यह शहर तीसरे नंबर पर है. इसके औद्योगिक शहर बनने की कहानी बहुत पुरानी है. गुड़गांव के औद्योगिक शहर बनने की कहानी की शुरुआत 70 के दशक में हुई. जब मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड कंपनी के मैन्यूफैक्चरिंग का पहला प्लांट गुडगांव में खुला. इसके बाद से धीरे-धीरे यहां अन्य कंपनियां भी अपनी यूनिट खोलने लगी. मारूति के बाद जिस कंपनी ने यहां अपना पांव पसारा वो डीएलएफ थी. डीएलएफ रियल इस्टेट कंपनी थी. वैसे लोग जिनकी चाहत दिल्ली में रहने की थी लेकिन किन्ही कारणों सेयह अरमान पूरा नहीं हो पा रहा था. उन्होंने गुडगांव में प्रापर्टी खरीदना शुरू किया.
कभी का छोटा-सा खेतिहर गांव आज मिलेनियम सिटी बन गया. देश की राजधानी दिल्ली से सटे होने का लाभ इसे मिला. 1997 में जेनरल इलेक्ट्रिक ने भी यहां अपना प्लांट खोला. आज गुडगांव में कई मल्टीनेशनल कंपनियों का दफ्तर हैं. गुड़गांव में 26 शापिंग मॉल हैं.
क्योंगुड़गांवका नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया
गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने के फैसले पर हरियाणा सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि नाम बदलने का फैसला कई मंचों से मिले ज्ञापन के आधार पर किया गया जिसमें कहा गया था कि गुडगांव का नाम ‘गुरुग्राम’ रखना उचित होगा. इस बारे में किंवदंती है कि गुडगांव का नाम गुरु द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है. वह कौरवों और पांडवों के गुरु थे.
यह गांव उनके छात्रों–पांडवों ने उन्हें गुरु दक्षिणा में दिया था और इसलिए इसका नाम गुरुग्राम पडा जो बाद में विकृत होकर गुडगांव हो गया.हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुडगांव शिक्षा का केंद्र रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘‘यह गुरु द्रोणाचार्य के समय से गुडगांव के नाम से जाना जाता था. गुडगांव शिक्षा का महान केंद्र था जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी. इसलिए लंबे समय से लोग मांग कर रहे थे कि गुडगांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया जाए.

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