Loading election data...

कोहिनूर न लूटा गया, न छिना गया, वह तो गिफ्ट में चला गया : सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोहिनूर हीरे को भारत लाना संभव नहीं है. इसके पीछे सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत में तर्क दिया कि न वह चोरी हुआ था और न ही लूटा गया था, बल्कि उसे महाराजा रणजीत सिंहके उत्तराधिकारी व उनके छोटे पुत्र दलीप सिंह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2016 12:52 PM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोहिनूर हीरे को भारत लाना संभव नहीं है. इसके पीछे सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत में तर्क दिया कि न वह चोरी हुआ था और न ही लूटा गया था, बल्कि उसे महाराजा रणजीत सिंहके उत्तराधिकारी व उनके छोटे पुत्र दलीप सिंह ने इस्ट इंडिया कंपनी को उपहार में दिया था. सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोहिनूर हीरे पर यह संस्कृति मंत्रालय का स्टैंड है.

इस पर अदालत ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि क्या वह याचिका को खारिज कर दे? अदालत ने कहा कि अगर भारत की सबसे बड़ी अदालत याचिका को खारिज कर देगी, तो कह जायेगा कि भारत की शीर्ष अदालत ने उस पर याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे उसे वापस लाने के प्रयास को धक्का लगेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि वह छह सप्ताह के अंदर कोहिनूर हीरे पर अपना विस्तृत पक्ष अदालत में रखे.ध्यान रहे किदुर्लभ कोहिनूरहीरेको भारतवापस लानाआमभारतीयकासपना है.

याचिकाकर्ता को वकील ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता के वकील नफीस सिद्दीकी ने इस संबंध में मीडिया से कहा कि सरकार का स्टैंड बहुत गलत है. उनकी बातें बिल्कुल गलत है. अगर सरकार उसे लाने की दिशा में कुछ नहीं करती तो हम करेंगे. यह हमारी संपत्ति है और हम सभी भारतीयों का यह दायित्व है.नफीस सिद्दीकी ने कहाकिसरकार तो देश का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कोहिनूर को धोखा देकर ले जाया गया है.

कोहिनूर हीरा का इतिहास

कोहिनूर हीरा दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञात हीरा है. यह 105 कैरेट का है और इसका वजन 21.6 ग्राम है. कहा जाता है कि भारत की गोलकुंडा की खान से यह हीरा निकाला गया था. कोहिनूर फारसी का शब्द है, जिसका अर्थ है : आभा या रोशनी का पर्वत. यह मुगल, फारसी शासकों व महाराजा रणजीत सिंह से होता हुआ, ब्रिटिश शासन के अधिकार क्षेत्र में चला गया है. इसके बारे में कहा जाता है कि यह पुरुष स्वामियों के लिए दुर्भाग्य तो महिला स्वामियों के लिए सौभाग्य का कारण बना. जिन पुरुष शासकों ने धारण किया, उन पर दुर्भाग्य हावी रहा या मृत्यु हो गयी. शायद इसीलिए ब्रिटिश महारानी इसे धारण करती रही हैं.

Next Article

Exit mobile version