ED ने हाईकोर्ट में वीरभद्र सिंह के बच्चों की याचिका को खारिज करने की मांग की
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र-पुत्री की संपत्ति जब्त करने के अस्थाई कुर्की आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को आज दिल्ली उच्च न्यायालय से रद्द करने की मांग की.मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंतनाथ की पीठ को ईडी के संयुक्त […]
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र-पुत्री की संपत्ति जब्त करने के अस्थाई कुर्की आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को आज दिल्ली उच्च न्यायालय से रद्द करने की मांग की.मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंतनाथ की पीठ को ईडी के संयुक्त निदेशक ने एक हलफनामे में सूचित किया, ‘‘मौजूदा याचिका जांच के इस महत्वपूर्ण स्तर पर विचारणीय नहीं है.”
वीरभद्र की बेटी अपराजिता कुमारी और बेटे विक्रमादित्य सिंह द्वारा दाखिल एक याचिका पर ईडी को जारी अदालत के छह अप्रैल के नोटिस की पृष्ठभूमि में एजेंसी का जवाब आया. याचिकाकर्ताओं ने ईडी के 23 मार्च के अस्थाई कुर्की आदेश (पीएओ) पर रोक लगाने की भी मांग की है क्योंकि उनका कहना है कि उसने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला दिया.
याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने केंद्र सरकार के स्थाई वकील अमित महाजन के हवाले से दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत कुर्की के उद्देश्य को देखने की जरूरत है. सभी कुर्क की गयी संपत्तियां प्रथमदृष्टया धन शोधन के अपराध में लिप्त पाई गयी हैं.एजेंसी ने कहा कि याचिकाकर्ता निर्णायक प्राधिकरण के समक्ष इन मुद्दों को उठा सकते हैं और अगर प्राधिकार संतुष्ट होता है कि कुर्की जरुरी नहीं है तो वह अस्थाई कुर्की के आदेश को रद्द कर सकती है.