जम्मू : नरेंद्र मोदी ने श्री माता वैष्णोदेवी विश्वविद्यालय की दीक्षांत समारोह में कहा कि कुछ दिनों में पुरुष वर्ग आरक्षण की मांग कर सकते हैं और आरक्षण में गोल्ड मेडल मांग सकते हैं. मोदी ने ऐसा वैष्णोदेवी विश्वविद्यालय की दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में लड़कियों की संख्या अधिक देखते हुए कही. उन्होंने कहा कि जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को यहां पढ़ने भेजा वे भी बधाई के पात्र हैं.
मोदी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जो बातें याद रखनी चाहिए वह भूल जाते हैं और जो भूलना चाहिए उसे हम याद रखते हैं. हम में से हर किसी ने कभी कुछ बनने का सपना देखा होगा. अगर हम वह बन जाते हैं तब तो ठीक है लेकिन अगर नहीं बन पाते तो उसी के बारे में सोचते रहने से अच्छा है कुछ नया किया जाए.
मोदी ने कहा कि दुनिया के कई विश्वविद्यालय पूंजीपतियों और सरकार के आर्थिक सहयोग से चलते हैं, लेकिन यह दुनिया का एक मात्र विश्वविद्यालय है जिसका संचालन माता वैष्णोदेवी के चढ़ावे से किया जा रहा है. करोड़ों गरीब लोगों के चढ़ावे से इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के बच्चों को संकल्प लेना चाहिए कि जिन गरीबों के चढ़ावे से हमें शिक्षा मिली है, उन गरीबों के लिए जीवन में कुछ करना है.
मोदी ने कहा कि हमारे देश में सदियों से दीक्षांत समारोह की परंपरा रही है. विश्व में पहली बार दीक्षांत समारोह की परंपरा की शुरुआत हजारों वर्ष पूर्व भारत में हुई थी. यह दीक्षांत समारोह, जो शिक्षा हमने जीवन में हासिल की है उसके माध्यम से समाज को कुछ देने का संकल्प लेने का का समारोह है. हर नौजवान का सपना देश के विकास का माध्यम बनता है. हमलोगों ने उपनषिद से उपग्रह तक का सफर तय किया है. मंगल मिशन में भारत ने पहले ही प्रयास में काफी कम खर्चे में सफलता हासिल की. बॉलीवुड की फिल्मों के खर्च से भी कम खर्चे में मंगल मिशन को हमारे देश के नौजवानों ने सफल बनाया है.
मोदी ने कहा कि लड़कियों ने गोल्ड मेडल लेने में कमाल कर दिया. हो सकता है आने वाले समय में पुरुष आरक्षण की मांग करें. जिंदगी बनाने के लिए सुख सुविधाओं से ज्यादा आवश्यकता हौसले का है. हौसला हो तो क्या नहीं किया जा सकता. मोदी ने बिहार के दशरथ मांझी का उदाहरण दिया. जिसके पास ज्ञान शक्ति होगी वहीं 21वीं सदी का नेतृत्व करेगा. भारत अपने ज्ञान की बदौलत 21वीं सदी में विश्व का नेतृत्व करेगा.
मोदी ने कहा कि जीवन में संतोष से बड़ी कोई ताकत नहीं है. संतोष हमें हमेशा ऊर्जावान बनाये रखता है. मोदी ने अपना संकल्प ‘सबका साथ सबका विकास’ को दुहराया.