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पीएफ पर तीखे विरोध के बाद सरकार ने बदला स्टैंड, अब 31 जुलाई तक नये नियम पर रोक

नयी दिल्ली : सरकार ने श्रमिक संगठनों व श्रमिकों के तीखे विरोध को देखते हुए भविष्य निधि में से नियोक्ता के योगदान की निकासी पर कर्मचारी के 58 साल पूरे होने तक रोक के फैसले पर अमल तीन महीने के लिये और टाल दिया है. श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में जारी अपने बयान में […]

नयी दिल्ली : सरकार ने श्रमिक संगठनों व श्रमिकों के तीखे विरोध को देखते हुए भविष्य निधि में से नियोक्ता के योगदान की निकासी पर कर्मचारी के 58 साल पूरे होने तक रोक के फैसले पर अमल तीन महीने के लिये और टाल दिया है. श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में जारी अपने बयान में कहा है कि वह सभी स्टेक होल्डर से बात कर इस संबंध में अब अगला फैसला लेगा. इससे अंशधारक यदि दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है तो 31 जुलाई तक वह भविष्य निधि से पूरा पैसा निकाल सकेगा.
श्रम मंत्री बंदारु दत्तात्रेय ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘अधिसूचना (भविष्य निधि निकासी नियमों को सख्त बनाने से जुड़ी) लागू किये जाने पर 31 जुलाई 2016 तक के लिए रोक लगायी जा रही है. हम संबद्ध पक्षों के साथ इस बारे में चर्चा करेंगे.’ भविष्य निधि में से नियोक्ताओं के योगदान की निकासी पर पाबंदी को लेकर श्रमिक संगठनों के देश के विभिन्न भागों में विरोध-प्रदर्शन के बीच मंत्री ने यह घोषणा की है. इस निर्णय के खिलाफ ऑनलाइन अभियान भी चलाया गया. इसे 10 फरवरी से लागू किया जाना था लेकिन विरोध को देखते हुए इसे 30 अप्रैल तक टाल दिया गया.

इपीएफ कानून में संशोधन के खिलाफ विरोध कर रहे कपड़ा फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों पर कल पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आज बेंगलुरु में कपड़ा श्रमिकों ने बसों व निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस थाने पर भी हमला बोल कर तोड़फोड़ की.

दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक बुलायी जाएगी ताकि इस बात पर विचार किया जा सके कि इपीएफ में नियोक्ताओं के योगदान : मूल वेतन का 3.67 प्रतिशत: का कर्मचारियों के लिए कैसे बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकता है.
पीएफ पर क्या है मंत्रालय का नया स्टैंड श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के पास जमा पूरी राशि को मकान खरीदने, गंभीर बीमारी, शादी तथा बच्चों की पेशेवर शिक्षा जैसे कार्यों के लिए अंशधारकों को निकालने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है. मामले को मंजूरी के लिए कानून मंत्रालय के पास भेजा गया है.

साथ ही अगर अंशधारक केंद्र या राज्य सरकार के प्रतिष्ठान से जुड़ता है और योगदान वाले भविष्य निधि या पेंशन योजना सेजुड़ते हैं तो उन्हें भविष्य निधि से पूरी राशि निकालने की अनुमति होगी. यूनियन पीएफ निकासी नियमों को कड़ा किये जाने के फैसले को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि फरवरी में मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर अंशधारकों के दो महीने से अधिक बेरोजगार होने पर भविष्य निधि से 100 प्रतिशत निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था.

श्रम मंत्रालय के बयान के अनुसार ट्रेड यूनियनों तथा अन्य संबद्ध पक्षों की चिंताओं को देखते हुए मंत्रालय ने अधिसूचना 30 अप्रैल तक स्थगित रखने का निर्णय कियाथा और अब इसे 31 जुलाई तक केलिए टाल दिया गया है.

अब वैसे इपीएफओ अंशधारक जो दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार हैं, वे जुलाई तक भविष्य निधि में जमा पूरी राशि निकालने के लिए आवेदन दे सकते हैं.

बयान में कहा गया है, ‘‘श्रम मंत्रालय के निर्देश पर उक्त प्रावधान अब एक अगस्त 2016 से प्रभाव में आएगा और इसकेलिए संशोधित अधिसूचना जारी की जाएगी.’

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