शकील अहमद ने साधा भाजपा पर निशाना

नयी दिल्ली : दंगे के मुद्दे पर वाक्युद्ध में शामिल होते हुए कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि जब कहीं दंगा होता है भाजपा को खुशी होती है जबकि भाजपा ने 1984 में सिख विरोधी दंगों और कश्मीरी पण्डितों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब भी इस देश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2014 8:18 AM

नयी दिल्ली : दंगे के मुद्दे पर वाक्युद्ध में शामिल होते हुए कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि जब कहीं दंगा होता है भाजपा को खुशी होती है जबकि भाजपा ने 1984 में सिख विरोधी दंगों और कश्मीरी पण्डितों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब भी इस देश में दंगे होते हैं, दो तरह के लोगों को खुशी होती है – पाकिस्तान में आईएसआई को और भारत में भाजपा को.’’अहमद ने कहा कि दंगों से समाज का ध्रुवीकरण होता है और इससे भाजपा को वोटों का फायदा होता है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि जब दंगे होते हैं तो भारत में मुसलमानों की रक्षा के नाम पर पाकिस्तान की आईएसआई को ‘‘40-42’’ देशों से ज्यादा फंड मिलता है. उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों और भारत के अन्य दंगों के बीच फर्क है. अहमद ने कहा, ‘‘शायद, यही वजह है कि हम गुजरात के मुद्दे की चर्चा कर रहे हैं कि जिसपर :दंगा रोकने की: जिम्मेदारी थी, वह उसकी निगरानी और अध्यक्षता कर रहा था.’’

गुजरात दंगों और मुजफ्फरनगर दंगों के मुद्दों पर पिछले कई हफ्तों से कांग्रेस और भाजपा के बीच वाक्युद्ध चल रहा है. अहमद के बयान पर भाजपा की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया हुई. अहमद ने गुजरात दंगों और 1984 के सिख विरोधी दंगों के बीच की तुलना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की अंत्येष्टि से पहले से दंगों पर नियंत्रण करने के प्रयास में राजीव गांधी सड़कों पर थे.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राजीव गांधी सड़कों पर घूम रहे थे जबकि हत्या के बाद उनकी मां का पार्थिव शरीर घर पर रखा था. कृपया 1984 के दंगों का गुजरात दंगों से तुलना नहीं करें.’’ उधर, भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने ट्विट किया, ‘‘1984 के सिख विरोधी दंगों और नरसंहार के दौरान भाजपा ने विरोध किया और कांग्रेस ने खुशिया मनाई. अब कोई पुनर्विचार? घाटी में कश्मीरी पण्डितों के नस्ली सफाए पर आईएसआई खुश हुई, भाजपा ने विरोध किया और कांग्रेस निस्सहाय थी.’’

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