धीमी रिकवरी का साल रहेगा 2014
नयी दिल्ली: वर्ष 2014 भारत के लिये अर्थव्यवस्था में धीमी गति से सुधार का वर्ष रह सकता है. प्रमुख बैंकिंग समूह सिटी ग्रुप के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर में सुधार, मुद्रास्फीति नीचे आने और मुद्रा तथा ब्याज दरों में स्थिरता का रख रहने से अर्थव्यवस्था में सुधार आयेगा. वैश्विक वित्तीय सेवाओं के इस प्रमुख समूह […]
नयी दिल्ली: वर्ष 2014 भारत के लिये अर्थव्यवस्था में धीमी गति से सुधार का वर्ष रह सकता है. प्रमुख बैंकिंग समूह सिटी ग्रुप के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर में सुधार, मुद्रास्फीति नीचे आने और मुद्रा तथा ब्याज दरों में स्थिरता का रख रहने से अर्थव्यवस्था में सुधार आयेगा.
वैश्विक वित्तीय सेवाओं के इस प्रमुख समूह ने यह भी कहा है कि जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी के उभरने से भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आ सकता है वहीं दूसरी तरफ बाजार की प्राथमिकता यही होगी कि आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देने वाले एक दल के नेतृत्व की स्थिर गठबंधन सरकार सत्ता में आये.
सिटीग्रुप ने आज जारी एक शोध पत्र में कहा है ‘‘भारत में 2014 में सुधार की गति शुरु हो जायेगी, यह धीमी होगी लेकिन इसमें निरंतरता होगी.’’ शोधपत्र में कहा गया है ‘‘हमें वृद्धि दर के उपर जाने, मुद्रास्फीति के नीचे आने और मुद्रा तथा दरों में व्यापक रुप से स्थिरता दिखाई देती है.’’समूह ने कहा है कि कृषि और निर्यात क्षेत्र की अगुवाई में वित्त वर्ष 2014 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत होगी. इससे पहले लगातार चार तिमाहियों में यह 5 प्रतिशत से नीचे रही जबकि पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही.सिटीग्रुप ने कहा है कि वित्त वर्ष 2015 में निवेश आश्चर्यचकित कर सकता है. शोधपत्र में कहा गया है ‘‘हमें निवेश क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है, लेकिन हमारा मानना है कि आम चुनाव के बाद इसमें ज्यादा गतिविधियां दिखेंगी.’’ समूह ने कहा है ‘‘जैसे जैसे हम 2014 में आगे बढेंगे, वैश्विक परिस्थितियां स्पष्ट होती जायेंगी. अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने प्रोत्साहन कार्यक्रम से कदम वापस खींचने शुरु कर दिये हैं, हमारी टीम का मानना है कि यह सितंबर 2014 तक पूरा हो जायेगा, इस दौरान अमेरिकी मौद्रिक नीति लगातार परिस्थितियों के अनुरुप समायोजन वाली बनी रहेगी.’’