दिल्ली से सस्ती है छत्तीसगढ़ में बिजली

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य में बिजली की दरें दिल्ली से सस्ती हैं.सिंह ने आज राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य उनसे राज्य में दिल्ली जैसी कम दरों पर बिजली देने की मांग करते हैं. लेकिन वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2014 10:26 PM

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य में बिजली की दरें दिल्ली से सस्ती हैं.सिंह ने आज राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य उनसे राज्य में दिल्ली जैसी कम दरों पर बिजली देने की मांग करते हैं. लेकिन वह बताना चाहते हैं कि राज्य में दिल्ली से भी कम दरों पर पहले से ही बिजली दी जा रही है.

रमन सिंह ने दोनों राज्यों की बिजली दरों की तुलना करते हुए कहा कि दिल्ली राज्य में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों के लिए एक सौ युनिट तक बिजली की दर दो रुपए 35 पैसे है जबकि छत्तीसगढ़ में यह दर एक रुपए 26 पैसे है. वहीं सामान्य परिवारों के लिए दिल्ली राज्य में बिजली दर चार रुपए 27 पैसे है, जबकि छत्तीसगढ़ में दो रुपए 10 पैसे हैं.सिंह ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में बिजली दर पहले से ही कम है ऐसे में कांग्रेस के सदस्य राज्य सरकार से दिल्ली जैसे दर करने की मांग कर बिजली दरों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ी है और इसके बाद भी बिजली की पूर्ति की जा रही है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को राज्य की जनता ने तीसरी बार जनादेश दिया है और वह जनता से किए गए वादों को पूरा करेगी.

रमन सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 में हुए चार विधानसभा के चुनावों में आये नतीजे से साफ हो गया है कि आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र बनेगी.

इससे पहले विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र के अधिकतम बिंदु गायब हैं. राज्य में बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है और उनसे नौकरी में फार्म भरने के नाम से ही हजारों करोड़ रुपए ले लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छी नीति बन जाती है लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से गरीबों को नि:शुल्क चावल देने की मांग की.

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