उत्तराखंड : विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य कांग्रेस विधायकों की याचिका खारिज करने की मांग की

देहरादून : खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कांग्रेस के नौ विधायकों की उच्च न्यायालय में दायर याचिका को उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने खारिज करने की मांग करते हुए आज कहा कि इन सबने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया और इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2016 1:31 PM

देहरादून : खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कांग्रेस के नौ विधायकों की उच्च न्यायालय में दायर याचिका को उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने खारिज करने की मांग करते हुए आज कहा कि इन सबने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया और इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नौ बागी विधायकों से पूछा जाना चाहिए कि ‘‘भाजपा के पास वे कैसे गए’ और क्या ‘‘उन्होंने संविधान की दसवीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं किया है.’ वरिष्ठ वकील ने पूछा, ‘‘अगर उन्होंने दसवीं अनुसूची का उल्लंघन किया है तो फिर अयोग्यता पर रोक की मांग वे कैसे कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘वे अयोग्य ठहराने पर रोक लगाने की मांग कैसे कर सकते हैं जब खंडपीठ (उत्तराखंड उच्च न्यायालय) के मुताबिक उन्होंने दल बदल का संवैधानिक अपराध किया है?’

‘ सिब्बल ने न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी के समक्ष कहा, ‘‘जब वे भाजपा में शामिल हुए और ज्ञापन (मत विभाजन के लिए) हस्ताक्षर किया तो वे जानते थे कि यह अनैतिक और असंवैधानिक है.’ नौ विधायकों की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान वह विधानसभा अध्यक्ष का पक्ष रख रहे थे.

उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होकर नौ विधायकों ने ‘‘स्वेच्छा से पार्टी (कांग्रेस) की सदस्यता छोड दी है’ क्योंकि उन्होंने पार्टी की नीति के खिलाफ वोट दिया और सरकार को गिराने के लिए वोट दिया

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