नयी दिल्ली : उत्तराखंड के राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस नेताओं ने 25 अप्रैल से संसद की कार्यवाही शुरू होने पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की निंदा करने वाले कार्यस्थन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा के नोटिस में उत्तराखंड में लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित सरकार को ‘‘अस्थिर” करने का आरोप लगा कर मोदी सरकार को घेरने की भी कोशिश की है. नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस में शर्मा ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से उत्तराखंड में सरकार को ‘‘अस्थिर” करने और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए मोदी सरकार की निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित कराने का भी आग्रह किया है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘यह सदन उत्तराखंड में लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की आलोचना करता है और संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत वहां अनुचित रुप से राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को अस्वीकार करता है.” उत्तराखंड की रावत सरकार की बर्खास्तगी और वहां केंद्रीय शासन लगाने पर शुरु से ही कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाए हुए है. कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ जनसमर्थन गोलबंद करने के लिए ‘लोकतंत्र बचाओ, उत्तराखंड बचाओ’ मुहिम छेडी है.
उच्चतम न्यायालय ने राज्य पर लगे राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले पर कल 27 अप्रैल तक के लिए स्थगन लगा दिया और वहां एक बार फिर केंद्रीय शासन बहाल कर वहां जारी राजनीतिक उठापठक को एक नया मोड दे दिया. कांग्रेस उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को संघीय ढांचे पर ‘‘हमले” के रुप में पेश कर रही है. वह अरुणाचल प्रदेश के संदर्भ में यही बात कह रही है. उसे उम्मीद है कि इस प्रश्न पर बडी संख्या में विपक्षी पार्टियां उसका समर्थन करेंगी.