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पर्याप्त खाद्यान्न भंडार, देशवासियों को घबराने की जरुरत नहीं: पासवान

जयपुर : केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि देश में सूखे के हालात के बावजूद खाद्यान्न के भरपूर भंडार है और देशवासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि दलहन का उत्पादन कम होने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकारों को दालों की मांग से […]

जयपुर : केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि देश में सूखे के हालात के बावजूद खाद्यान्न के भरपूर भंडार है और देशवासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि दलहन का उत्पादन कम होने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकारों को दालों की मांग से शीघ्र अवगत करवाने के लिए पत्र लिखा गया है ताकि मांग के अनुरुप दलहन का आयात किया जा सके और दालों की कीमतों को काबू में रखा जा सके.

पासवान ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि देश के कुछ राज्यों में सूखे के हालात है लेकिन इससे घबराने की जरुरत नहीं है. छह सौ लाख टन अनाज के भंडार है जबकि आवश्यकता 549 लाख टन की है. उन्होंने दलहन की कीमतों की चर्चा करते हुए कहा कि गत वर्ष 226 लाख टन दलहन की मांग थी लेकिन उत्पादन एक सौ सत्तर लाख टन होने के कारण दाल की कीमतें बढी। लेकिन सरकार ने दलहन का आयात कर और कालाबाजारी पर अंकुश लगाकर दालों की कीमतों पर काबू पा लिया.
पासवान ने कहा कि इस साल भी दलहन की दो सौ 35 लाख टन की मांग है लेकिन उत्पादन केवन एक सौ सत्तर लाख टन होने के कारण उत्पादन और मांग में करीब पैसठ लाख टन दलहन का अंतर रहेगा. भारत सरकार ने इस मांग को पूरा करने के लिए सभी राज्य सरकारों को दलहन की मांग के बारे में बताने के निर्देश दिये है ताकि समय रहते मांग के अनुरुप दलहन का आयात किया जा सके जिससे राज्यों की मांग को पूरा किया जा सके.
पासवान ने दलहन की कीमतों को लेकर किये गये एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत सरकार राज्य सरकार द्वारा बतायी गयी दरों पर ही विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि दलहन की कीमतों पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने बफर स्टाक बनाने का निर्णय लिया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए लोकसभा में दो विधेयक विचाराधीन है. इनके पारित होने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और अधिकार और बढ जायेंगे। उन्होंने पीने के पानी की चर्चा करते हुए कहा कि पीने के पानी का मानक एक होना चाहिए इसके लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है ताकि लोगों को गुणवत्ता वाला पानी पीने को मिले.
उन्होंने कहा कि बोतल बंद पानी की दरें भी अलग अलग वसूल की जा रही है जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होने कहा कि उपभोक्ता हितों के लिए खरीद की गई वस्तु के बारे में शिकायत करने का क्षेत्राधिकार, कानूनी प्रक्रिया का शीघ्र निस्तारण और दावा राशि की सीमा बढाना प्रस्तावित है.पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत के लिए सर्राफा व्यापारियों को सोनेे की गुणवत्ता यानि कैरट और निर्माता के बारे में स्वर्ण आभूषण पर जानकारी देना आवश्यक किया जा रहा है. मौजूदा समय सोने की गुणवता और निर्माता के बारे में उपभोक्ता को सूचना नहीं रहती है.

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