संसद सत्र आज से शुरू, सरकार ने कहा- कोर्ट में लंबित मामलों पर चर्चा नहीं

नयी दिल्ली :संसद के आज से शुरू होने वाले सत्र में विपक्ष के हंगामे की आशंका के बीच भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर विपक्ष ने उत्तराखंड के बहाने सदन को बाधित करने का प्रयास किया तो उसे अपने इतिहास का ही बदनुमा आइना देखना पड़ेगा. गौरतलब है कि संसद के आज से शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2016 7:25 AM

नयी दिल्ली :संसद के आज से शुरू होने वाले सत्र में विपक्ष के हंगामे की आशंका के बीच भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर विपक्ष ने उत्तराखंड के बहाने सदन को बाधित करने का प्रयास किया तो उसे अपने इतिहास का ही बदनुमा आइना देखना पड़ेगा. गौरतलब है कि संसद के आज से शुरू हो रहे सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है क्योंकि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. हालांकि सरकार भी इससे निपटने की तैयारी में है.राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने संसद में सुबह 10.30 बजे सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है.

वहीं संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बजट सत्र के दूसरे भाग में हंगामा होगा, हमें कई अहम आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करनी है.उन्होंने कहा कि जो मामला कोर्ट में लंबित है उसपर चर्चा नहीं की जाएगी.इधर, जदयू ने उत्तराखंड मामले पर राज्यसभा में नोटिस देकर चर्चा की मांग की है.

संसद का यह सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है क्योंकि विपक्षी दल उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के विरुद्ध आपस में हाथ मिला चुका है. वैसे सरकार ने लोकसभा में 13 और राज्यसभा में 11 विधेयकों को पारित होने समेत इस सत्र के लिए बडा एजेंडा सूचीबद्ध किया है लेकिन जीएसटी जैसे विवादास्पद विधेयकों पर शुरुआती दिनों में चर्चा संभव प्रतीत नहीं हो रही.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के सुचारु रुप से कामकाज सुनिश्चित करने के लिए 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलायी थी हालांकि इसका कुछ सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने नहीं आया. सत्र उत्तराखंड के राजनीतिक संकट को लेकर उठे विवादों के बीच शुरू हो रहा है. इस संकट में केंद्र की भूमिका की आलोचना हो रही है. इसके अलावा केंद्र दस राज्यों में सूखा जैसी स्थिति को लेकर भी निशाने पर है. कई विपक्षी दलों ने सत्र के पहले दिन ही उत्तराखंड मुददे पर प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया और पहले हफ्ते में ही सूखे पर चर्चा की भी मांग की है.

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने उत्तराखंड की लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की निंदा करने वाले प्रस्ताव उच्च सदन से पारित किये जाने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के कुछ खास नेताओं के साथ उत्तराखंड पर रणनीति बैठक में सुझाव दिया कि पार्टी को इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाना चाहिए. कांग्रेस और कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी.

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