नयी दिल्ली : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर को लेीकर चिंता जतायी है और कहा है कि राज्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरुरत है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य आपदा से अभी भी नहीं ऊबर पाया है. जम्मू-कश्मीर के लोग अब भी ‘दुर्भाग्य और आपदा से हुए घावों’ को भर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य को विकास के पथ पर वापस लाने में चुनौतियों से पार पाने के लिए सहयोग मांगा. महबूबा ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनका प्राथमिक उद्देश्य संतुलन बहाल करना और जम्मू कश्मीर को विकास के पथ पर लाना होगा.
उन्होंने रविवार को राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों के वार्षिक संयुक्त सम्मेलन में कहा कि मैं राज्य के लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट वापस लाने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगी. आपको बता दें कि इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया और इसमें भारत के प्रधान न्यायधीश टीएस ठाकुर और केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौडा सहित अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं.
इसी कार्यक्रम में प्रधान न्यायधीश टीएस ठाकुर की आंखें भर आई थी जब उन्होंने ‘मुकदमों की भारी बाढ़’ से निपटने के लिए जजों की संख्या को मौजूदा 21 हजार से 40 हजार किए जाने की दिशा में सरकार की ‘निष्क्रियता’ पर अफसोस जताया और कहा कि आप सारा बोझ न्यायपालिका पर नहीं डाल सकते.