नयीदिल्ली : इशरत जहां मामले पर हलफमानों में बदलाव को लेकर भाजपा की आलोचना का शिकार हो रहे पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम नेसोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि हलफनामा विवाद वास्तविक मुद्दे से केवल ध्यान हटाने के लिए खड़ा किया गया है और वास्तविक मुद्दा यह है कि यह एक ‘‘फर्जी” मुठभेड़ थी या नहीं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन की आलोचना किये जाने को लेकर भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बात ‘‘थोड़ी सी भी निंदा सहन करने की उसकी अक्षमता को उजागर करती है.
इशरत मामले पर बोले चिदंबरम का ट्वीट
चिदंबरम ने इशरत जहां मामले को लेकर ट्विटर पर कहा, ‘‘हलफनामा विवाद इशरत जहां मामले पर वास्तविक मुद्दे से केवल ध्यान हटाने के लिए है. वास्तविक मुद्दा यह है कि क्या वह फर्जी मुठभेड़ थी और क्या पहले ही हिरासत में बंद चार लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था. उनके कार्यकाल में हलफनामों में बदलाव संबंधी विवाद के बारे में उन्होंने कहा, हलफनामों पर गृह मंत्री हस्ताक्षर नहीं करता है. इन पर अवर सचिव हस्ताक्षर करता है.
चिदंबरम ने अपने ट्वीटों में आगे कहा, हालांकि मुझे पहला हलफनामा देखने के बारे में याद नहीं है, माना कि मैंने ऐसा किया. तब मजिस्ट्रेट एसपी तमांग की रिपोर्ट आयी. उन्होंने कहा, इस रिपोर्ट से शोरशराबा हुआ और मुख्यत: गुजरात से मांग उठी कि भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए या पहले हलफनामे पर की जा रही गलत व्याख्या को दूर करना चाहिए. इसलिए दूसरा, लघु हलफनामा दायर किया गया.
हाल में भाजपा ने नये खुलासों के मद्देनजर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को इशरत जहां विवाद में घसीटा था और आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृहमंत्री चिदंबरम नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के रास्ते में अवरोध खड़े करने के प्रयास के तहत मामले में दूसरा हलफनामा दायर करते समय सोनिया के दिशा-निर्देशों पर काम कर रहे थे.
राजन प्रकरण पर बोले चिदंबरम…
राजन प्रकरण पर चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार ‘‘हल्की सी आलोचना के प्रति भी असहिष्णु है.” चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा, ‘‘एक कनिष्ठ मंत्री से रिजर्व बैंक के गवर्नर को झिड़की लगाने को कहा गया. किसलिए तथ्य को दर्शाने के लिए एक पुरानी कहावत का हवाला देने के लिए कि हमें खुशफहमी में रहने की बजाय हकीकत को जानना चाहिए और अपूर्ण कार्य को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, यह राजन की टिप्पणियों का मुख्य सार था. लेकिन वे शब्दों के उनके चयन में त्रुटि ढूंढ रहे हैं और सार्वजनिक रुप से उन्हें झिड़की दे रहे हैं.
मेरा मानना है कि रघुराम राजन के स्तर को कमतर कर सरकार ने हल्की सी आलोचना को भी सहन करने में अपनी अक्षमता का खुलासा कर दिया है. चिदंबरम ने यह भी कहा कि अपने साक्षात्कार में राजन वृद्धि की आलोचना या उपेक्षा नहीं कर रहे थे और वह केवल अपूर्ण कार्य को रेखांकित कर रहे थे. गौर हा कि भारत की अर्थव्यवस्था के संबंध में ‘‘अंधों में काना राजा” की टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि राजन को बेहतर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए था.
चिदंबरम ने बाद में एक अखबार में एक स्तंभ में ‘अंधों में काना राजा’ की टिप्पणी को उचित ठहराते हुए कहा था कि राजन ने ऐसा क्या कहा कि वाणिज्य मंत्री से ‘‘झिड़की” मिली. सीतारमन ने त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम पर कल पलटवार करते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पूर्व मंत्री ने भारत को तब ‘‘एक आंख वाला अजूबा” पाया जब दुनिया इसे एक अच्छे स्थान पर पाती है.