स्वामी के बयान पर आज भी राज्यसभा में जोरदार हंगामा, कांग्रेस ने जताया विरोध
नयी दिल्ली : राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आज फिर कुछ विवादित टिप्पणियां कीं जिन पर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. आसन ने स्वामी की टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया तथा विपक्षी सदस्यों को ‘‘अनावश्यक रुप से उकसाने’ के लिए उन पर कार्रवाई करने के लिए भी […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आज फिर कुछ विवादित टिप्पणियां कीं जिन पर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. आसन ने स्वामी की टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया तथा विपक्षी सदस्यों को ‘‘अनावश्यक रुप से उकसाने’ के लिए उन पर कार्रवाई करने के लिए भी चेताया. गौरतलब है कि स्वामी ने कल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर विवाद में कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिया था जिस पर कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
आज उप सभापति पी जे कुरियन ने दूसरे देश के संविधान के संदर्भ संबंधी स्वामी की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने का आदेश देने के साथ साथ मीडिया को भी इस टिप्पणी को नहीं देने का आदेश दिया. स्वामी द्वारा दूसरे देश के संविधान का संदर्भ दिए जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
यह विवाद शून्यकाल में तब शुरु हुआ जब सपा के चौधरी मुनव्वर सलीम ने कहा कि स्वामी अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे की रक्षा के लिए 1970 के दशक में चलाए गए आंदोलन का हिस्सा थे. इस पर स्वामी ने कहा कि उन्हें अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन संविधान में राज्यों पर इन संस्थानों का वित्तपोषण किए जाने पर रोक है. विपक्षी सदस्यों ने इसका प्रतिवाद किया जिस पर स्वामी ने एक अन्य देश का नाम लेकर जवाब देना चाहा और उनके ऐसा संदर्भ देने पर कांग्रेस के सदस्य आपत्ति जताते हुए आसन के समक्ष आ गए.
उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि दूसरे देश के संविधान का संदर्भ देने संबंधी टिप्पणी को वह कार्यवाही से निकाल रहे हैं. लेकिन कांग्रेस सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समक्ष उनका हंगामा जारी रहा. भाजपा सदस्य और उच्च सदन के लिए मनोनीत किए जाने के बाद सोमवार को सदन की सदस्यता की शपथ लेने वाले स्वामी इस बात पर कायम रहे कि अन्य सदस्य ने उनका नाम लिया है इसलिए जवाब देना उनका अधिकार है. उन्होंने एक बार फिर दूसरे देश का संदर्भ दिया और उन्हें आसन से इस बार कडी फटकार पडी.
कुरियन ने कहा ‘‘मैं आपके खिलाफ कार्रवाई करुंगा. सुब्रह्मण्यम स्वामी, आप बेवजह (दूसरे पक्ष को) उकसा रहे हैं. मुझे आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पडेगी…. आप उकसा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि स्वामी ने जो कुछ कहा, वह रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा. उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ कार्यवाही से निकाला गया है, मीडिया को भी उसे नहीं देना चाहिए.’
कांग्रेस सदस्यों ने स्वामी की टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वह (स्वामी) दूसरे देश का संदर्भ दे कर उकसा रहे हैं. ‘‘यह जानबूझकर किया जा रहा है.’ उप सभापति ने हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि यह शून्यकाल को बाधित करने की सुनियोजित कोशिश है. कांग्रेस सदस्यों के शांत न होने पर आसन ने जानना चाहा कि टिप्पणियां कार्यवाही से निकाल दिए जाने के बावजूद आखिर समस्या क्या है. इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा ‘‘समस्या भाजपा के नए उपहार को लेकर है. समस्या इस ओर नहीं है.’
आजाद ने कहा कि स्वामी को इस सदन में आए गिने चुने दो दिन ही हुए हैं और उनकी टिप्पणियां दो बार कार्यवाही से निकाल दी गइ’. उन्होंने आसन से सवाल किया ‘‘एक साल में 365 दिन होते हैं, आप कितने बार उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाते रहेंगे.’ सदन में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा कि स्वामी सडकछाप भाषा और संसदीय भाषा में अंतर नहीं जानते. उन्होंने कहा ‘‘वह अपने बाल इसलिए सफेद नहीं होने देते ताकि वह सीख सकें और परिपक्व हो सकें.’
जब कुरियन ने कांग्रेस सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने के लिए कहा तो सदस्यों ने कहा कि आसन को पहले स्वामी को बैठने के लिए कहना चाहिए. इस पर कुरियन ने कहा ‘‘आप इस तरह मुझे आदेश नहीं दे सकते. आप बेवजह हंगामा कर रहे हैं. मैंने (टिप्पणियों को) कार्यवाही से निकाल दिया है.न तो इसे खबर में दिया जा सकता है और न ही यह टीवी चैनलों पर आ सकती है.’
एक ओर जहां कांग्रेस सदस्यों का हगामा जारी था वहीं दूसरी ओर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दो बार स्वामी के पास जा कर कुछ कहा. तब कुरियन ने नकवी को अपने पास बुला कर हंगामा जारी रहने के बारे में बात की. फिर नकवी अपने स्थान पर बैठ चुके स्वामी के पास गए. आजाद ने भी अपनी पार्टी के सदस्यों को शांत रहने और अपने स्थानों पर जाने के लिए कहा. कांग्रेस सदस्य अपने स्थानों पर लौट गए तब स्वामी फिर कुछ कहने के लिए खडे हुए. तब कुरियन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा ‘‘आप अभी बैठ जाइये. बाद में आप मेरे कक्ष में आ कर मुझसे मिलें .’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सवाल किया कि स्वामी को अन्य सदस्य के स्वीकृत किए गए, शून्यकाल के मुद्दे पर बोलने की अनुमति कैसे दी गई. इस पर कुरियन ने कहा कि अगर किसी सदस्य के नाम का जिक्र किया जाता है तो उसे अपना पक्ष रखने का अधिकार होता है.
आजाद ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी को स्पष्टीकरण पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन स्वामी ने जो कुछ कहा वह संदर्भ से पूरी तरह परे है. स्वामी के खिलाफ आजाद के कथन पर पलटवार करते हुए नकवी ने कहा ‘‘जिस स्कूल में वह :कांग्रेस: जाते हैं, हम उसके हेडमास्टर रह चुके हैं.’ बाद में, जब जदयू के सदस्य पवन वर्मा ने अपना मुद्दा उठाने की इच्छा जताई और कुरियन ने उन्हें बोलने को कहा तब नकवी ने कहा कि सूची में स्वामी का नाम है इसलिए उन्हें बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए.
नकवी ने आसन से कहा ‘‘सूची में उनका नाम है और आखिरी समय में इसे बदला कैसे जा सकता है.’ कुरियन ने कहा कि नकवी जिस सूची की बात कर रहे हैं वह अंतिम सूची नहीं थी. इस जवाब से संतुष्ट हुए बिना नकवी ने कहा कि भाजपा सदस्य को अपनी बात कहने का अधिकार है.
तब कुरियन ने कहा कि मंत्रियों को इस तरह शिकायतें नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें तथ्यपरक समाधान खोजना चाहिए. नकवी अपनी बात पर जोर देते रहे तब कुरियन ने कहा ‘‘अगर आप या सुब्रह्मण्यम स्वामी को शिकायतें हैं तो आप सभापति से संपर्क कर सकते हैं.’ संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि वह तो आसन से अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि सूची में स्वामी का नाम है. तब कुरियन ने कहा कि ऐसा लगता है कि उनके और मंत्री के बीच संवाद की कमी है. फिर उन्होंने जदयू के सदस्य वर्मा से अपना मुद्दा उठाने को कहा.