नयी दिल्ली : राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा के उप सभापति द्वारा सदन कीकार्रवाई से उनकी टिप्पणी को हटाए जाने को चुनौती देते हुए इस फैसले को मनमाना, अनुचित और सदन के नियमों के खिलाफ बताया है.राज्यसभामें मनोनीत सांसद स्वामी ने आज कहा कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संप्रग सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की निर्माता कंपनी फिनमेकेनिका को काली सूची में डाल दिया था, जो कि एक ‘‘झूठ” है. उन्होंने कहा कि यह झूठ बोलने के लिए वह उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की मांग करेंगे.
स्वामी ने अल्पसंख्यक संस्थान के मामले पर बोलते हुए कल कांग्रेस सदस्यों को निशाना बनाया था और कुछ टिप्पणियां की थीं जिन्हें राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन ने विपक्ष के सांसदों के जोरदार विरोध के बाद कार्यवाही से हटा दिया था.
कुरियन ने स्वामी से कहा था कि वह ‘‘बेवजह दूसरे पक्ष को उकसा” रहे हैं और उन्होंने सांसद को ऐसा नहीं करने को कहा.
स्वामी ने आज एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ मैंने उप सभापति द्वारा मेरे शब्दों को कार्यवाही से हटाए जाने को चुनौती देते हुए राज्यसभा में एक नोटिस दायर किया है क्योंकि यह मनमाना, अनुचित और राज्यसभा के नियमों के खिलाफ है.” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं राज्यसभा में यह झूठ कहने के लिए गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की आज मांग करुंगा कि संप्रग ने फिनमेकेनिका को काली सूची में डाल दिया था.”
संसद में एक मनोनीत सदस्य केरूप में प्रवेश करने के बाद से स्वामी द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने का सदन में कई बार विरोध हुआ है और आसन ने उनकी कुछ टिप्पणियों को सदन से हटा दिया है जिनमें से अधिकतर टिप्पणियां कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को निशाना बनाकर कीगयी थीं.
आजाद ने कल कहा कि स्वामी को इस सदन में आए गिने चुने दो दिन ही हुए हैं और उनकी टिप्पणियां पहले ही दो बार कार्यवाही से निकाली जा चुकी हैं. उन्होंने आसन से सवाल किया ‘‘एक साल में 365 दिन होते हैं, आप कितनी बार उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाते रहेंगे.” सदन में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा कि स्वामी सड़कछाप भाषा और संसदीय भाषा में अंतर नहीं जानते.