उत्तराखंड : जंगलों में लगी भीषण आग, MI-17 कर रहे हैं पानी की बौछार

देहरादून : गरमी के चलते भड़की आग में उत्तराखंड के 13 जिलों के जंगल चपेट में आ चुके हैं जिसे बुझाने के लिए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर पानी की बौछार कर रहे हैं. इस आग में झुलस कर शनिवार शाम तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. इलाके में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2016 7:58 AM

देहरादून : गरमी के चलते भड़की आग में उत्तराखंड के 13 जिलों के जंगल चपेट में आ चुके हैं जिसे बुझाने के लिए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर पानी की बौछार कर रहे हैं. इस आग में झुलस कर शनिवार शाम तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं एनडीआरएफ की टीमें आग बुझाने के काम में लगायी गयी हैं. राज्य के सभी वन कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. एनडीआरएफ के 135 लोग राज्य के अलग-अलग जिलों में आग बुझाने के काम में लगे हैं. राज्य के 4,500 वन कर्मचारी आग की घटनाओं पर नजर रखे हैं.


गृहमंत्री ने हालात की समीक्षा की

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के जंगलों में लगी आग की घटनाओं के बाबत उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल से बात की और हालात की समीक्षा की. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र राज्य सरकार को पूरी मदद मुहैया करायेगा. राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है.

आग का सिलसिला दो फरवरी को हुआ था शुरू
उत्तराखंड में करीब 1,900 हेक्टयेर वन क्षेत्र में बडे पैमाने पर आग लगने के बाद सरकार ने शनिवार शाम दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किया है. इस बीच, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और थलसेना के जवान आग बुझाने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं. इस मौसम में आग से कुल 1890.79 हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद हो चुका है. आग का यह सिलसिला शुष्क जाडे के कारण दो फरवरी को शुरू हुआ था. चमोली, पौडी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोडा, पिथौरागड और नैनीताल सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से हैं.

भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर कर रहे हैं मदद
राज भवन के अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ की तीन और एसडीआरएफ की एक कंपनी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आग बुझाने में व्यस्त है. भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को नैनीताल और पौडी जिलों में भेजा गया है ताकि वे जल रहे जंगलों में पानी की बौछार कर सकें. अधिकारियों ने बताया कि जरुरी कर्मियों एवं उपकरणों के अलावा पर्याप्त कोष सभी प्रभावित जिलों को उपलब्ध कराया गया है ताकि वे हालात से निपट सकें.

Next Article

Exit mobile version