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देवयानी मामले में भारत की जवाबी कार्रवाई, अमेरिकी राजनयिक निष्कासित

नयी दिल्ली : देवयानी खोबरागडे को अमेरिका से चले जाने की बात कहने के कुछ ही घंटों के भीतर भारत ने शुक्रवार को अमेरिकी राजनयिक को निष्काषित कर दिया. निदेशक रैंक के डिप्लोमेट को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे से कुछ ज्यादा की मोहलत दी गयी है. इस बीच, देवयानी शुक्रवार रात पौने दस […]

नयी दिल्ली : देवयानी खोबरागडे को अमेरिका से चले जाने की बात कहने के कुछ ही घंटों के भीतर भारत ने शुक्रवार को अमेरिकी राजनयिक को निष्काषित कर दिया. निदेशक रैंक के डिप्लोमेट को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे से कुछ ज्यादा की मोहलत दी गयी है.

इस बीच, देवयानी शुक्रवार रात पौने दस बजे भारत लौट आयीं. दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. अब वह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगी कि घटना का स्थायी असर उनके परिवार, खासकर बच्चों पर न पड़े, जो अब भी अमेरिका में हैं.

अमेरिका द्वारा उनकी संयुक्त राष्ट्र में तबादले को मंजूरी के बाद उन्हें पूर्ण कूटनीतिक छूट मिल गयी. इससे पहले, अमेरिका की एक ग्रैंड ज्यूरी ने वीजा फर्जीवाड़ा और कथित झूठे बयान के मामले में देवयानी पर शुक्रवार को अभियोग लगाया. ज्यूरी ने कहा कि पूर्ण राजनयिक छूट के बाद भारत जाने के बावजूद उन पर आरोप कायम रहेंगे.

* दूसरी बार जैसे को तैसा

जैसे को तैसा की नीति के तहत भारत की कार्रवाई किसी अमेरिकी राजनयिक को देश से निकालने की दूसरी घटना है. इससे पहले, करीब 33 साल पूर्व तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार जॉर्ज ग्रिफिन को भारत से निकाला गया था. अमेरिका ने तब भारतीय राजनयिक प्रभाकर मेनन को अपने देश से निकाल दिया था.

* इंडो-यूएस संबंधों में मजबूती चाहते हैं ओबामा : कार्नी

भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी से उत्पन्न तनाव के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का मानना है कि भारत के साथ रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण हैं. इन्हें आगे मजबूत किया जाना चाहिए. इट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा, ओबामा ने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका व भारत के रिश्तों के संदर्भ में बहुत मेहनत की और वे अपने दूसरे कार्यकाल में भी ऐसा करना जारी रखेंगे.

* राजनयिक ने समझौते की पेशकश ठुकरायी : उत्तम

देवयानी के पिता उत्तम खोबरागडे ने कहा है कि राजनयिक छूट के साथ देवयानी के अमेरिका छोड़ने से पुष्टि होती है कि अमेरिका में उठ रहा कोई विवाद संप्रभु देश भारत का मामला है. सिर्फ भारतीय अदालतों में ही मामला चलाया जा सकता है. देवयानी ने सीधे-सीधे पेशकश खारिज कर दी.

निजी राहत, जिसकी पेशकश की गयी, की जगह इस देश की संप्रभुता और भारत की न्याय प्रणाली को और महत्व देकर भारतीय होने का उसे गर्व है तथा उसने फैसला किया कि निजी जिंदगी और राहत की अपेक्षा उसके लिए देश की संप्रभुता ज्यादा मूल्यवान है.

गिरफ्तारी वारंट हो सकती है जारी

अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि नयी दिल्ली लौट गयीं वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अब कोई छूट प्राप्त नहीं है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है.

विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन प्साकी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘विदा होने से पहले उन्हें और भारत सरकार को बता दिया गया था कि उन्हें अमेरिका लौटने की इजाजत नहीं है, अदालत का आदेश उसका अपवाद है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में उन्हें नियमित वीजा जारी करने से रोकने के लिए उनका नाम वीजा और आव्रजन लुकआउट सिस्टम में डाल दिया जाएगा और उनकी वापसी के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जा सकता है.’’

उधर खोबरागड़े शुक्रवार देर रात यहां लौट आईं और उनका अपने परिजनों से भावुक मिलन हुआ.देवयानी के पिता उत्तम खोबरागड़े ने कहा कि देवयानी को लेकर यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार रात करीब पौने दस बजे आई और वह 10 बजकर 40 मिनट पर टर्मिनल से बाहर आई.उन्होंने कहा कि वह अवसाद का शिकार नहीं है.

वह ठीक है. देवयानी के हवाई अड्डे पर उतरने पर विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारी भी मौजूद थे.उत्तम खोबरागड़े ने कहा कि वह उनकी बेटी के समर्थन के लिए सभी के आभारी हैं. अमेरिकी अटार्नी प्रीत भराड़ा ने डिस्ट्रिक्ट जज शीरा श्वेइनडलिन को लिखे पत्र में कहा कि मैनहाटन में एक फेडरल ग्रांड ज्यूरी ने कहा है कि देवयानी के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और अगर वह राजनयिक छूट के बगैर अमेरिका आती हैं तो उन्हें सुनवाई का सामना करना होगा.दो बच्चों की मां देवयानी की न्यूयार्क में गिरफ्तारी और फिर कपड़े उतारकर तलाशी का भारत में काफी विरोध हुआ था.

वर्ष 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी को 12 दिसंबर को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें ढाई लाख डालर के मुचलके पर रिहा किया गया.

दुख है कि भारत ने हमारे राजनयिक को निकाला : अमेरिका

वाशिंगटन: अमेरिका ने आज इस बात पर ‘गहरा दुख’ जताया कि वीजा धोखाधड़ी मामले में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के अभ्यारोपित होने के बाद उन्हें देश छोड़कर जाने के लिए कहने पर भारत ने एक अमेरिकी राजनयिक को देश से निकालना जरुरी समझा.

विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा कि हमें गहरा दुख है कि भारत सरकार को हमारे एक राजनयिक को देश से निकालने की जरुरत महसूस हुई.

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