एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढते प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश करे भारत: राष्ट्रपति

एयर इंडिया के विशेष विमान से : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढते प्रभाव को प्रतिसंतुलित करने के लिए भारत को अपनी मौजूदगी में सुधार के प्रयास करने की जरुरत है. पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) और न्यूजीलैंड में चीन प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2016 6:17 PM

एयर इंडिया के विशेष विमान से : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढते प्रभाव को प्रतिसंतुलित करने के लिए भारत को अपनी मौजूदगी में सुधार के प्रयास करने की जरुरत है.

पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) और न्यूजीलैंड में चीन प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि कुछ भी अपने आप नहीं होता. हमें कोशिश करनी होगी.” पापुआ न्यू गिनी और न्यूजीलैंड की छह दिवसीय यात्रा से लौटते वक्त एयर इंडिया के विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने ये बातें कही. राष्ट्रपति पहली बार दोनों देशों की आधिकारिक यात्रा पर गए थे. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रुप देने के लिए काम करने पर तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आपसी चिंताओं का संतोषजनक समाधान तलाशने की जरुरत को ध्यान में रखते हुए एफटीए के जल्द संपन्न होने की दिशा में काम करने की भारत की चाहत से मैंने अवगत करा दिया है.” प्रणब ने कहा, ‘‘हम चुप नहीं हैं. एफटीए पर 10 दौर की वार्ता हो चुकी है. दुर्भाग्यवश वार्ता 2010 में शुरु हुई और हम इसे अंतिम रुप देने में सफल नहीं हो पाए हैं.”
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कृषि उत्पादों को लेकर कुछ समस्याएं हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जब हमारी कृषि को पूर्ण संरक्षण की जरुरत थी, उसके बाद से अब तक हमने काफी लंबा सफर तय कर लिया है….क्योंकि हम दूध के सबसे बडे उत्पादक हैं. लिहाजा, हरित क्रांति के अलावा श्वेत क्रांति भी हासिल की गई.”

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