14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमले के लिए संसदीय समिति ने सरकार की खिंचाई की

नयी दिल्ली: पठानकोट वायु सेना अड्डे पर आतंकी हमले को रोकने में विफल रहने के लिए सरकार की खिंचाई करते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि देश के आतंकवाद निरोधक प्रतिष्ठानों में कोई चीज गंभीर रुप से गलत है और वायुसेना अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था ठोस नहीं थी. संसद में पेश गृह […]

नयी दिल्ली: पठानकोट वायु सेना अड्डे पर आतंकी हमले को रोकने में विफल रहने के लिए सरकार की खिंचाई करते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि देश के आतंकवाद निरोधक प्रतिष्ठानों में कोई चीज गंभीर रुप से गलत है और वायुसेना अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था ठोस नहीं थी. संसद में पेश गृह मंत्रालय से जुडी स्थायी समिति के 197वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि दो जनवरी के आतंकी हमला मामले में पंजाब पुलिस की भूमिका ‘सवालों के घेरे में और संदिग्ध’ है. समिति ने कहा कि वह इस बात को समझनें में विफल रही है कि आतंकी हमले के आशंका के बारे में पूर्व में ही सतर्क किये जाने के बाद भी आतंकवादी किस प्रकार से उच्च सुरक्षा वाले वायुसेना अड्डे में सुरक्षा घेरे को तोडने में सफल रहे और हमले को अंजात दिया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे यह नोट करके चिंता है कि अपहृत और बाद में छोडे गए पठानकोट के एसपी और उसके मित्रों से ठोस और विश्वसनीय खुफिया सूचना प्राप्त होने और आतंकवादियों एवं उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत को इलेक्ट्रानिक माध्यम से बीच में सुने जाने के बाद भी सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी इतनी खराब थी कि वे समय पर खतरे को भांप नहीं सके और उनका त्वरित एवं निर्णायक ढंग से जवाब नहीं दे सके. हालांकि आतंकवादी अपने आकाओं से बात कर रहे थे कि वे रक्षा प्रतिष्ठान पर हमला करने वाले हैं.

समिति का मानना है कि हमारे आतंकवाद निरोधक सुरक्षा प्रतिष्ठान में कुछ गंभीर रूप से गलत चीज है. वायुसेना अड्डे के दौरे के दौरान समिति ने पाया कि सामरिक रुप से महत्वपूर्ण इस वायुसेना अड्डे की परिधि की दीवार के पास कोई सडक नहीं है. वहां लम्बी लम्बी झाडियां और पेड उगे हुए हैं जो आतंकवादियों को छिपने में मदद करने के साथ सुरक्षा बलों के लिए आतंकवादियों को वहां से निकालने के कार्य को कठिन बना सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने अपने दौरे के दौरान पाया कि वायु सेना अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था ठोस नहीं है और परिधि की दीवार की निगरानी व्यवस्था खराब है. समिति ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस दुस्साहसिक हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद था जो आतंकवादियों और पाकिस्तान स्थित उनके आकाओं के बीच सुनी गयी बातचीत से स्थापित हुआ है. इसे साबित करने में पठानकोट के एसपी और उनके मित्रों से छीने गए मोबाइल फोन के उपयोग से भी मदद मिली.
इसके अलावा मारे गए आतंकवादियों के पास से बरामद हथियार और गोला बारुद के बारे में भी कहा जाता है कि उन पर पाकिस्तान का चिन्ह अंकित था. समिति ने कहा कि पाकिस्तान से जिस तरह से आतंकवादी हमारे क्षेत्र में घुसे, उससे समिति समझती है कि यह पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है क्योंकि हथियारों से लैस चार लोग सीमा के पास पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान को धता बताकर इतनी आसानी से इस ओर नहीं आ सकते.
संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि सीमा पर बाड और फ्लडलाइट लगे होने और बीएसएफ कर्मियों की गश्त के बाद भी पाकिस्तानी आतंकवादी सीमा पार करके भारत में घुसने में सफल रहे. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति समझती है कि इस हमले में पंजाब पुलिस की भूमिका पर भी सवालिया निशान है और संदेह होता है क्योंकि पंजाब पुलिस के एसपी के अपहृत होने के बाद भी पंजाब पुलिस ने यह निष्कर्ष निकालने में लम्बा समय लिया कि अपहरण सिर्फ आपराधिक डकैती से जुडा मामला नहीं था बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष बडा खतरा था. समिति यह नहीं समझ पा रही है कि आतंकवादियों ने एसपी और उनके मित्रों को क्यों छोड दिया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को इसकी समग्र जांच करनी चाहिए.
समिति का यह भी मत है कि पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय मादक पदार्थो के सिंडिकेट की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए क्योंकि आतंकवादियों ने इस नेटवर्क की मदद ली होगी. समिति ने सरकार को सुझाव दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढाने, बाडबंदी और फ्लडलाइट लगाने के काम पर पूरा ध्यान दिया जाए. पठानकोट वायुसेना अड्डे को उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र घोषित किया जाए. समिति ने यह भी जानना चाहा कि भारत सरकार ने किस आधार पर इस आतंकी हमला मामले की जांच में पाकिस्तान से मदद लेने का विचार किया और पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को भारत आमंत्रित किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें