उत्तराखंड: सुनवाई 6 मई तक टली, AG ने कहा- ”फ्लोर टेस्ट” का बन रहा है माहौल

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सदन में फ्लोर टेस्ट कराने के कोर्ट के निर्देश पर गंभीरता से विचार कर रहा है. अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 9:49 AM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सदन में फ्लोर टेस्ट कराने के कोर्ट के निर्देश पर गंभीरता से विचार कर रहा है. अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने केंद्र को जानकारी दी है, लेकिन अब तक फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई निर्देश नहीं मिले हैं.केंद्र ने बहुमत को लेकर शुक्रवार तक का समय मांगा है.उत्तराखंड कांग्रेस अध्‍यक्ष किशोर उपाध्‍याय ने कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्‍त को सूबे में बढावा दे रही है. भाजपा सरकार बनाने के लिए ऐसा करने से पीछे नहीं हटेगी. हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है.

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को लेकर कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 6 मई तक टाल दी है. इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र से कहा कि वह सदन में फ्लोर टेस्ट की संभावनाओं की तलाश करे. सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल से पूछा है कि कोर्ट की निगरानी में शक्ति परीक्षण क्यों नहीं हो सकता?

हाई वोल्टेज ड्रामा
आपको बता दें कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की भाजपा की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन कर दिया था जिसके बाद से यहां हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ. प्रदेश में राजनीतिक तूफान के बाद 27 मार्च को यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.

वर्तमान स्थिति

राज्य निलंबित विधानसभा की वर्तमान स्थिति पर यदि एक नजर डालें तो यहां कुल सीटें 71 हैं. कांग्रेस के पास 36 सीट है जिसमें 9 बागी विधायक भी शामिल हैं. भाजपा के पास 27, उत्तराखंड क्रांति दल के पास 1, निर्दलीय 3, बीएसपी के पास 2, भाजपा निष्कासित 1 जबकि मनोनीत सीट 1 है.

तारीखों में हालात

18 मार्च को कांग्रेस के नौ विधायकों के बागी होने से प्रदेश में राजनीतिक संकट

27 मार्च को राज्यपाल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन

21 अप्रैल को नैनीताल हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटाने को दिए निर्देश

22 अप्रैल को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

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