नयी दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर राज्यसभा में कल हुई बहस के बाद कांग्रेस सदस्यों ने आज भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को निशाने पर लिया और यह जानना चाहा कि उन्हें रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की संवेदनशील एवं गोपनीय फाइलें कैसे मिलीं और क्या उन्होंने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया है वह प्रमाणित हैं. व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आज कहा कि कल सदन में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया गया था.
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कांग्रेस का आरोप, सुब्रमण्यम स्वामी को कैसे मिले संवेदनशील दस्तावेज
नयी दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर राज्यसभा में कल हुई बहस के बाद कांग्रेस सदस्यों ने आज भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को निशाने पर लिया और यह जानना चाहा कि उन्हें रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की संवेदनशील एवं गोपनीय फाइलें कैसे मिलीं और क्या उन्होंने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया है वह […]
शर्मा ने कहा कि सदन को यह बताया जाना चाहिए कि इन दस्तावेजों का हवाला देने वाले स्वामी की उन दस्तावेजों तक उनकी पहुंच कैसे हुई जिन्हें उन्होंने सत्यापित कराने और सदन के पटल पर रखने से इंकार कर दिया था. उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर स्वामी ने उनके द्वारा दी गई व्यवस्था का पालन नहीं किया तो नियम अपना काम करेंगे. कुरियन ने कल कहा था कि वह (स्वामी) जिन दस्तावेजों का हवाला दे रहे हैं उन्हें वह प्रमाणित करें और सदन के पटल पर रखें.कुरियन ने कहा ‘‘इसका :व्यवस्था का: पालन करना होगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि कल उन्होंने व्यवस्था दी थी कि जिन भी दस्तावेजों का हवाला दिया जा रहा है उन्हें सत्यापित किया जाए और सदन के पटल पर रखा जाए.उन्होंने कहा ‘‘इसका पालन करना होगा.
कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वामी ने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया था उन्होंने उसे सत्यापित कराया और सदन के पटल पर रख दिया है.नकवी ने कहा ‘‘स्वामी ने मुद्दे का ध्यान रखा है.’ बाद में कांग्रेस के ही जयराम रमेश ने जानना चाहा कि जिन दस्तावेजों का हवाला दे कर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उनकी पार्टी को निशाना बनाया था, वह दस्तावेज प्रमाणित हैं भी या नहीं.रमेश ने उपसभापति पी जे कुरियन से कहा ‘‘कल आपने एक सदस्य से दस्तावेजों को प्रमाणित करने को कहा था। क्या उन दस्तावेजों का प्रमाणन किया गया और सदन को उपलब्ध कराया गया. क्या सभी प्रमाणित दस्तावेज सदन को सौंपे गए ?’ उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी उन दस्तावेजों के आधार पर आक्षेप लगा रहे थे. उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह दस्तावेजों का अध्ययन करेंगे.
इसके बाद भी रमेश ने सवाल किया ‘‘इसमें कितना समय लगेगा। आपने कहा था कि आप :असंसदीय टिप्पणियों को: कार्यवाही से निकाल देंगे लेकिन क्या आप उन्हें यू ट्यूब से, टीवी पर सीधे प्रसारण से निकाल सकते हैं ? ‘ इस पर कुरियन ने कहा कि वह इस संबंध में राज्यसभा के महासचिव से बात करेंगे.सदन में जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई तो उसमें हिस्सा लेते हुए सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा ‘‘ कहा जाता है कि एक संगठन के नेता एआईसीटीई जैसे संस्थानों को चला रहे हैं.’ इस पर भाजपा सदस्यों ने कडी आपत्ति जताई.
उप सभापति कुरियन ने कहा कि उस व्यक्ति के खिलाफ आरोप नहीं लगाए जा सकते जो सदन में मौजूद नहीं है. तब अग्रवाल ने कहा ‘‘अगर ऐसा है तो कल सदन में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मुद्दे पर चर्चा के दौरान नाम क्यों लिए गए और आरोप क्यों लगाए गए.भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कल राज्यसभा में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर हुई अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस पर सीधा हमला बोला था और कहा था कि एक कथित बिचौलिए द्वारा लिखे गए पत्र में जिन लोगों के नाम लिए गए हैं, सीबीआई को उनसे पूछताछ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जरुरी हुआ तो हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए.
इटली की अदालत के दस्तोवजों का हवाला देते हुए स्वामी ने आरोप लगाया था कि तीन करोड यूरो की रिश्वत दी गयी जिनमें 60 लाख यूरो भारतीय वायुसेना के कर्मियों को दिए गए, 84 करोड यूरो नौकरशाहों को और 125 करोड रुपये‘‘एपी’ को दिए गए.स्वामी के भाषण के दौरान कांगे्रस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि स्वामी जो पढ रहे हैं, पहले उसे प्रमाणित करें. इस पर स्वामी ने कहा कि वह उसी दस्तावेज को पढ रहे हैं जिसे अभिषेक मनु सिंघवी ने पढा था। सिंघवी ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें प्रमाणित करना है तो सिंघवी को भी ऐसा करना चाहिए क्योंकि अलग अलग लोगों के लिए भिन्न नियम नहीं हो सकते.इस तकरार के बीच उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि दोनों को प्रमाणित करना होगा. उसके बाद सिंघवी ने अपने दस्तावेजों को प्रमाणित किया था.
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