अगस्ता केस: कांग्रेस पर पर्रिकर का हमला कहा- जो अरबी खाते हैं, उन्हें ही खुजली होती है
नयी दिल्ली : देश की पवित्र नदी गंगा आज खूब चर्चे में रहीं. चाहे मोदी सरकार में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर हो या कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हो दोनों ही आज पवित्र नदी गंगा की चर्चा की. शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च के दौरान जहां एक ओर […]
नयी दिल्ली : देश की पवित्र नदी गंगा आज खूब चर्चे में रहीं. चाहे मोदी सरकार में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर हो या कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हो दोनों ही आज पवित्र नदी गंगा की चर्चा की. शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च के दौरान जहां एक ओर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस की तुलना ‘बहती गंगा’ से की और पार्टी को पाक साफ बताया वहीं इसके उलट लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अगस्ता केस में आरोपियों पर उसी ‘गंगा’ में हाथ धोने की बात कही.
विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड को हेलीकाप्टर का ठेका देने के लिए हर तरह की रियायत दी और पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, गौतम खेतान तो ‘बहती गंगा’ में हाथ धोने वाले छोटे नाम है, हम बडे नामों का पता लगा रहे हैं जिन्होंने रिश्वत ली. लोकसभा में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदा 2013 में कथित अनियमितताओं के बारे में कोर्ट ऑफ अपील मिलान, इटली द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे के बारे में रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा जांच उन पर केन्द्रित होगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है.
पर्रिकर ने कहा कि शर्तो में हेलीकाप्टर के केबिन की उंचाई 1.8 मीटर करने की शर्त अनिवार्य रुप से डाली गई और यह जानबूझकर किसी कंपनी को बाहर करने के उद्देश्य से किया गया। इस शर्त के कारण वेंडर आधार सिकुड गया. इसके साथ ही अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर दो मानदंडों को पूरा नहीं किया, फिर भी विशेष तौर पर उसे छूट दी गई। निविदा दस्तावेज एक कंपनी को दिये गये, जबकि निविदा दस्तावेज दूसरी कंपनी ने भरे। तब की सरकार ने भ्रष्टाचार का मामला आने के बाद कंपनी को लिखने की बजाए उच्चायोग से सम्पर्क किया. उन्होंने कहा कि इस सौदे में 50.7 मिलियन यूरो की बैंक गारंटी की राशि अभी भी अटकी पडी हुई है.
कांग्रेस एवं गांधी परिवार पर परोक्ष निशाना साधते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘ हमने पहले ही कदम उठाया है. अभी जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, वे छोटे लोग है. त्यागी, खेतान ने तो बहती गंगा में हाथ धो लिया. हम यह पता लगा रहे हैं कि गंगा कहां जाती है. ‘ कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच अपना प्रहार जारी रखते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने किसी के उपर कोई आरोप नहीं लगाए. किसी का नाम नहीं लिया. लेकिन जो अरबी खाते हैं, उनके गले में ही खुजली होती है. इन्हें (कांग्रेस) पता है कि गंगा कहां बह कर जाती है. मैं ढूंढ रहा हूं ये गंगा जा कहां रही है?
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर फिनमैकेनिका के सीईओ को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तत्कालीन संप्रग सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है. इस बारे में तत्कालीन सरकार ने जो कार्रवाई की, वह परिस्थिति के कारण मजबूरी में की गई कार्रवाई थी.