डॉ पण्ड्या ने राज्यसभा के लिये मनोनयन ठुकराया
हरिद्वार : देश विदेश में 12 करोड़ से अधिक अनुयायियों वाले गायत्री परिवार के मुखिया और शांति कुंज संस्था के प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने राज्य सभा में मनोनीत किये जाने के प्रस्ताव को आज यह कहते हुए ठुकरा दिया कि राष्ट्र की सेवा राजनीति के बाहर रहकर भी की जा सकती है. दो दिन […]
हरिद्वार : देश विदेश में 12 करोड़ से अधिक अनुयायियों वाले गायत्री परिवार के मुखिया और शांति कुंज संस्था के प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने राज्य सभा में मनोनीत किये जाने के प्रस्ताव को आज यह कहते हुए ठुकरा दिया कि राष्ट्र की सेवा राजनीति के बाहर रहकर भी की जा सकती है.
दो दिन पहले राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिये मनोनीत किये जाने पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अपने शुभचिंतको के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ पण्ड्या ने कहा, ‘‘मैं बहुत विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि मैं राज्यसभा में नहीं जाना चाहूंगा. कारण यह है कि 12 करोड़ की सदस्य संख्या वाला गायत्री परिवार हमसे भावनात्मक रुप से जुड़ा है और राजनीति में जाने के बाद पारिवारिक माहौल में दिक्कत हो जायेगी.”
उन्होंने कहा कि राजनीति के बाहर रहकर वह जनता को ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं और इसलिये अंतरात्मा की आवाज पर उन्होंने यह निर्णय लिया है. डॉ पण्ड्या ने कहा, ‘‘मैं अपने आपको राज्यसभा की दौड़ से दूर मानता हूं. मुझे विश्वास है कि मुझे जनता का समर्थन मिलेगा और भावनाशील जनता यह मानेगी कि मेरा निर्णय वैचारिकता से भरा हुआ है.” उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने इस फैसले से पहले गायत्री परिवार की कार्यकारिणी को भी अवगत कराया और उसने भी उनके इस निर्णय को सराहा है.
डॉ पण्डया ने कहा, ‘‘राष्ट्र की सेवा केवल राज्यसभा में बैठकर नहीं हो सकती. वह बाहर रहकर भी की जा सकती है. निर्मल गंगा अभियान हो या विचार क्रांति अभियान, हम सारा काम करते रहेंगे बल्कि और तेजी से करेंगे और जल्दी ही आपको परिवर्तन दिखायी देने लगेगा.”