कन्हैया ने समाप्त की भूख हड़ताल,जेएनयू में भूख हड़ताल 10वें दिन भी जारी

नयी दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने चिकित्सकीय कारणों की वजह से अपनी भूख हडताल समाप्त कर दी है लेकिन विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों की भूख हड़ताल आज 10वें दिन जारी रही. परिसर में नौ फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से सुनाये गये दंड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2016 12:42 PM

नयी दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने चिकित्सकीय कारणों की वजह से अपनी भूख हडताल समाप्त कर दी है लेकिन विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों की भूख हड़ताल आज 10वें दिन जारी रही. परिसर में नौ फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से सुनाये गये दंड के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से छह ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है जबकि 14 अन्य की भूख हड़ताल जारी है. इस कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी की गयी थी.

देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए कन्हैया को शरीर में पानी की कमी और कीटोसिस के उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा, ‘‘कन्हैया कल रात परिसर में वापस आ गये और उनके स्वास्थ्य को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें भूख हड़ताल नहीं करने की सलाह दी हैं. उन्हें कुछ दिनों तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी गयी है.

उनकी मेडिकल जांच भी होनी हैं. उन्होंने भूख हडताल वापस ले ली लेकिन वह आंदोलन जारी रखेंगे.” भूख हडताल पर बैठे अन्य छात्रों की स्वास्थ्य रिपोर्टों में कीटोन के उच्च स्तर, निम्न रक्तचाप और वजन में कमी का जिक्र किया गया है.जेएनयू शिक्षक संघ ने प्रशासन के खिलाफ विरोध में आज रिले भूख हडताल का आह्वान किया है.

विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भी विरोध कर रहे छात्रों के साथ शामिल होंगे और आज शाम एक मानव श्रृंखला बनाएंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कल यह कहते हुए छात्रों और अध्यापकों को बाहरी लोगों को आमंत्रित नहीं करने की अपील की थी कि इससे परिसर में शैक्षणिक माहौल और शांति की स्थिति बिगड सकती है. प्रशासन ने छात्रों से यह भी कहा कि वे ‘‘प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से आक्रामक कदम उठाने से बचें और वार्ता एवं चर्चा के लिए आगे आयें.”

इससे पहले जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने इस सप्ताह पूर्व में भूख हडताल को ‘‘गैरकानूनी गतिविधि” करार देते हुए छात्रों से अपील की थी वे ‘‘संवैधानिक” माध्यमों का इस्तेमाल करके अपनी मांगें रखें और उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए ‘‘वार्ता” के लिए आगे आने को कहा था.

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