उत्तराखंड : शक्ति परीक्षण में वोट नहीं दे पायेंगे बागी विधायक
उत्तराखंड : उच्चतम न्यायालय ने अयोग्य ठहराए गए उत्तराखंड के उन नौ विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नौ बागी विधायक वोट नहीं दे पायेंगे. इस मामले में अगली सुनवाई अब 12 जुलाई को होगी. गौरतलब है उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को अयोग्य करार […]
उत्तराखंड : उच्चतम न्यायालय ने अयोग्य ठहराए गए उत्तराखंड के उन नौ विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नौ बागी विधायक वोट नहीं दे पायेंगे. इस मामले में अगली सुनवाई अब 12 जुलाई को होगी. गौरतलब है उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. इसके कुछ ही क्षण बाद ये विधायक उच्चतम न्यायालय पहुंच गए.
Matter to be heard on July 12. The disqualified MLAs won't be allowed to participate in the floor test to take place tomorrow. #Uttarakhand
— ANI (@ANI) May 9, 2016
अब उच्चतम न्यायालय से भी उन्हें राहत नहीं मिली. अब नौ बागी विधायक के वोट ना डालने के फैसले के बाद कांग्रेस का पक्ष मजबुत हो गया है. बागी विधायकों ने मांग की थी कि उनका मत बंद लिफाफे में रखा जाए और उन्हें वोटिंग का अधिकार दिया जाए लेकिन अदालत ने बागियों के इस तर्क को कोई तवज्जों नहीं दी और वोटिंग पर रोक लगा दी.
कांग्रेस के इन नौ विधायकों ने 18 मार्च को विनियोग विधेयक पर कार्यवाही के दौरान भाजपा के साथ हाथ मिलाया था जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उन्हें अयोग्य ठहराने का निर्णय सुनाया था. विधायकों के वकील सी ए सुंदरम ने प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर के समक्ष दिन में पहले सुनाए गए उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख किया. प्रधान न्यायाधीश ने वकील को उस पीठ के पास जाने के लिए कहा जिसने शुक्रवार को शक्ति परीक्षण का आदेश दिया था. नयी याचिका पर सुनवाई अपराह्न दो बजे की जाएगी.
उच्च न्यायालय के आज के आदेश से यह सुनिश्चित हो गया कि ये विधायक अयोग्य बने रहेंगे और यदि शीर्ष न्यायालय यह आदेश बदलता नहीं है तो बागी विधायक कल रावत के लिए कराए जाने वाले विश्वास मत की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे.
उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा में 10 मई को शक्ति परीक्षण का आदेश देते हुए कहा था, ‘‘अगर शक्ति परीक्षण के दौरान तक उनकी (अयोग्य विधायकों की) यही स्थिति बनी रहती है’ तो वे (अयोग्य विधायक) शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं होंगे.न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने आदेश दिया था कि विशेष रुप से आहूत दो घंटे के सत्र के दौरान राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रहेगा। पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक विधानसभा सत्र का आयोजन शक्ति परीक्षण के ‘‘एकमात्र एजेंडे’ के लिए होगा.
न्यायालय ने कहा था, ‘‘वर्तमान में हमारे फैसले से अयोग्य विधायकों के उस मामले में किसी किस्म का पूर्वाग्रह नहीं बनेगा, जो फिलहाल उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है.’ इस समय 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 28, कांग्रेस के 27 और बसपा के दो विधायक हैं जबकि तीन निर्दलीय विधायक हैं. एक विधायक उत्तराखंड क्रांति दल (पी) का है. कांग्रेस के नौ विधायक अयोग्य हैं और एक भाजपा का बागी विधायक है.
#Uttarakhand HC dismisses plea of disqualified MLAs challenging their disqualification by the Assembly speaker.
— ANI (@ANI) May 9, 2016
After #Uttarakhand HC order, Speaker files an caveat in SC , demanding that if this order is challenged in SC, he must be heard.
— ANI (@ANI) May 9, 2016
Dehradun:Celebration outside Harish Rawat's residence aftr HC dismissed rebel MLAs plea challenging disqualification pic.twitter.com/movMHYvX6t
— ANI (@ANI) May 9, 2016
कोर्ट ने आज इन विधायकों की अर्जी खारिज कर दी. शनिवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि इन बागी विधायकों द्वारा हरीश रावत सरकार से समर्थन वापसी के बाद प्रदेश में सरकार अल्पमत में आ गयी थी, जिसके बाद केंद्र ने वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. हालांकि कोर्ट ने केंद्र के आदेश को खारिज करते हुए वहां से राष्ट्रपति शासन हटाकर हरीश रावत सरकार को बहाल कर दिया था.
हालांकि बाद में केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वहां फिर से राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही कल 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत का शक्ति परीक्षण हो रहा है. हालांकि हाईकोर्ट द्वारा कांग्रेस विधायकों की अर्जी खारिज किये जाने के बाद यह विधायक वोट नहीं कर पायेंगे, जिससे हरीश रावत सरकार को फायदा हो सकता है. उत्तराखंड में हरीश रावत को बहुमत के लिए 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. कांग्रेस के पास 27, भाजपा के पास 28 और अन्य विधायकों की संख्या 6 है, जो रावत के समर्थन में कल वोट कर सकते हैं.